लद्दाख प्रशासन ने 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी और कई दर्जन नागरिक व सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे. यह हिंसा अपेक्स बॉडी के नेता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक की ओर से प्रस्तावित एक महीने के अनशन के 15वें दिन भड़की थी, जब अनशन के कारण दो महिला कार्यकर्ताओं की हालत गंभीर होने की खबरें सामने आईं.
इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और 78 सुरक्षाकर्मियों सहित 120 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस हिंसा में भाजपा लद्दाख कार्यालय और कई सुरक्षा वाहनों को जला दिया गया और प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकारी कार्यालयों पर हमला किया. घटना के नौ दिन बाद अब लद्दाख प्रशासन ने सभी राजनीतिक हलकों से भारी दबाव के बाद तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं.
घटना की जांच की मांग की गईलद्दाख एपेक्स बॉडी (LB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची और भूमि अधिकारों सहित लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आंदोलन और लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, जनता दल, सीपीआईएम और यहां तक कि लद्दाख के पूर्व भाजपा सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल जैसे विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस घटना की जांच की मांग की थी. इन हत्याओं के कारण एलएबी और केएडी को 30 सितंबर को गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत से हटना पड़ा और 6 अक्टूबर को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के नेतृत्व वाली उच्चस्तरीय गृह मंत्रालय की टीम और लद्दाख के प्रतिनिधियों के बीच होने वाली उच्चस्तरीय वार्ता का बहिष्कार करना पड़ा.
लेह के जिला मजिस्ट्रेट का आदेशलेह के जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश संख्या 03 न्यायिक समीक्षा 2025 दिनांक 26/09/2025 के तहत IAS अधिकारी मुकुल बेनीवाल, जो वर्तमान में नुबरा के उप-मंडल मजिस्ट्रेट हैं उनको जांच अधिकारी नियुक्त किया है. उन्हें ये जांच 4 सप्ताह में पूरी करनी है.लद्दाख प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे 4 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच डीसी ऑफिस कॉन्फ्रेंस हॉल, लेह या जाँच अधिकारी के कार्यालय में जांच आयोग के समक्ष उपस्थित होकर साक्ष्य प्रस्तुत करें. जांच का उद्देश्य गंभीर कानून-व्यवस्था की स्थिति, पुलिस कार्रवाई और परिणामस्वरूप चार व्यक्तियों की मृत्यु के विस्तृत तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाना है.
चार मृतकों की पहचानचार मृतकों की पहचान जिग्मेट दोरजे, पुत्र यूंटन चोस्पेल, निवासी खरनाक, रिनचेन दादुल, सो त्सेरिंग मोरुप, निवासी हनु, स्टैनज़िन नामगेल, पुत्र नवांग ज़ोटपा, निवासी इगू और त्सेवांग थारचिन, पुत्र स्टैनज़िन नामग्याल, निवासी स्कर्बुचन के रूप में की गई है. इसके बाद पेश साक्ष्यों और सबूतों को दर्ज करने के बाद चार सप्ताह की अवधि के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी. आदेश में आगे कहा गया है कि नोटिस के आधार पर घटना के बारे में जानकारी रखने वाला या घटना के संबंध में जांच अधिकारी के समक्ष मौखिक साक्ष्य/लिखित बयान/सामग्री साक्ष्य (फोटो या वीडियो रिकॉर्डिंग) देने का इच्छुक/इच्छुक कोई भी व्यक्ति नीचे दिए गए कार्यक्रम के अनुसार अधोहस्ताक्षरी के समक्ष उपस्थित होकर बयान/साक्ष्य प्रस्तुत कर सकता है." लद्दाख प्रशासन ने सभी संबंधित गवाहों से अपील की है और उनसे निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए अपना सहयोग देने का अनुरोध किया है.