लेह एपेक्स बॉडी ने सोमवार (22 सितंबर, 2025) को कहा कि राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की उसकी मांग पूरी होने तक भूख हड़ताल समाप्त नहीं होगी. एपेक्स बॉडी ने केंद्र सरकार के साथ तत्काल बैठक की मांग की और चेतावनी दी कि जनता का धैर्य जवाब दे रहा है.

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गृह मंत्रालय ने अगले दौर की चर्चा के लिए लद्दाख प्रतिनिधिमंडल के साथ छह अक्टूबर को बातचीत की घोषणा की है. लेह एपेक्स बॉडी के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने ऑनलाइन माध्यम से संवादादाताओं से कहा कि उन्होंने सरकार को सूचित कर दिया है कि जब तक कोई समझौता नहीं हो जाता, वे अपनी भूख हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ‘हमारा विरोध शांतिपूर्ण है, लेकिन लोग धैर्य खो रहे हैं. स्थिति हमारे हाथ से निकल सकती है. बातचीत पहले ही स्थगित हो चुकी है.’

पर्वतीय परिषद चुनावों से पहले पूरा किया जाना चाहिए वादा- वांगचुक

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जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षक सोनम वांगचुक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने का वादा किया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आगामी पर्वतीय परिषद चुनावों से पहले यह वादा पूरा किया जाना चाहिए.

वांगचुक ने कहा, ‘अगर वे (सरकार) अपना वादा पूरा करते हैं, तो लद्दाख उन्हें वोट देगा और उन्हें विजयी बनाएगा. उन्हें सबसे ज्यादा फायदा होगा और लद्दाख को भी. इसलिए हमें उम्मीद है कि वे सार्थक बातचीत करेंगे.’

बातचीत में देरी से लोग खो रहे अपना धैर्य- वांगचुक

उन्होंने यह भी कहा, ‘बातचीत में हो रही देरी से लोग धैर्य खो रहे हैं. हमें उम्मीद है कि सभी मुद्दे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ जाएंगे. हमारा विरोध शांतिपूर्ण है, लेकिन लोग अब थकने लगे हैं. वे कहते हैं कि शांतिपूर्ण विरोध से हमें कुछ नहीं मिल रहा है. हम नहीं चाहते कि ऐसा कुछ हो, जिससे भारत को शर्मिंदगी उठानी पड़े. बेहतर होगा कि शांति बनी रहे.’ उन्होंने कहा, ‘हमारी मांगें पिछले पांच साल से लंबित हैं. यहां तक कि भारत का संविधान भी दो साल में बन गया था.’

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