नई दिल्ली: कभी देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी कही जाने वाली कांग्रेस आज एक ऐसे चौराहे पर खड़ी है, जहां उसे ये नहीं पता कि जाना किस ओर है. बिहार चुनाव में मिली बेहद निराशाजनक हार के बाद पार्टी में एक बार फिर गांधी परिवार के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया है. फिलहाल नाम ना लिए जाने कि शर्त पर एबीपी न्यूज़ से कुछ वरिष्ठ नेताओं ने खुलकर पार्टी आलाकमान के खिलाफ निर्णायक विद्रोह के संकेत दिए.


हम इस बार कदम वापस नहीं खीचेंगे- कांग्रेस नेता


एक दिन पहले ही कपिल सिब्बल ने आवाज़ उठाते हुए कहा था कि कांग्रेस के लिए तो अब समीक्षा और आत्मचिन्तन तक का वक्त निकल चुका है. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘’अब हम पार्टी को खत्म होते नहीं देख सकते, इसलिए हम इस बार कदम वापस नहीं खीचेगे. पार्टी किसी एक की नहीं है. एक नेता ने कहा कि मुझे तो अब किसी पद की भी लालसा नहीं, ले लो मुझसे मेरा पद वापस, लेकिन अब पार्टी ऐसे नहीं चलेगी.’’


वहीं कांग्रेस के एक दूसरे महत्वपूर्ण नेता ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, ‘’निकालना हो तो निकाल दें पार्टी से, मगर अब हम चुप नहीं बैठेंगे. बिहार चुनाव में पार्टी की इतनी खराब प्रदर्शन के बाद भी कोई आत्म-मथन नज़र नहीं आ रहा, आखिर ऐसा कब तक चलेगा?’’


बगावत इस बार राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर 


साफ है कांग्रेस का संकट अब आए दिन और गहराने वाला है. संकेत साफ हैं, बगावत इस बार राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर है, जो ना तो वापस पूरी तरह अध्यक्ष बन रहे और ना ही चुनावों में सकारात्मक नतीजे ला पा रहे. हलाकि कांग्रेस नेतृत्व ने फिलहाल इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है.


पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ऐसे लोगों को तवज्जो नहीं देती लिहाज़ा इन पर प्रतिक्रिया की कोई ज़रूरत नहीं. हालाकि सूत्रों ने ये भी बताया कि फिलहाल कपिल सिब्बल के खिलाफ़ कोई अनुशासनात्मक कार्यवाई पर विचार नहीं किया गया है. मगर राजस्थान के मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने ट्वीट करके सिब्बल पर निशाना ज़रूर साध दिया है. गहलोत ने ट्वीट में गांधी परिवार का बचाव तो किया ही साथ ही  कपिल सिब्बल के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण भी बताया है.


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