मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साफ किया है कि प्रीपेड वॉलेट ग्राहकों के लिए केवाईसी (KYC) की समयसीमा को 28 फरवरी के बाद और नहीं बढ़ाया जाएगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि ऐसे ग्राहक जिनके वॉलेट या प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) में कुछ रकम पड़ी है और अगर उन्होंने केवाईसी नियमों को पूरा नहीं किया है, तो भी उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. आपका बैलेंस खत्म होने के बाद भी आप केवाईसी पूरा करने के बाद उसमें दोबारा पैसे डाल सकेंगे.
क्या होता है KYC
KYC (Know your customer) का मतलब अपने ग्राहक की पहचान को वेरिफाई करना होता है. बैंक वाले अपनी सर्विस देने के लिए एक फॉर्म भरवाते हैं. इसके जरिए ग्राहक की तमाम जानकारी ली जाती है. इसमें पहचान प्रमाण के जरिए डेट ऑफ़ बर्थ और पते जैसी बातों को बैंक अपने पास रखता है ताकि ज़रूरत पड़ने पर ग्राहक को संपर्क किया जा सके.
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के नियमों के मुताबिक बैंकों के लिए ग्राहकों से KYC भरवाना ज़रूरी है. KYC का एक और फायदा ये है कि अगर कोई आपराधिक गतिविधि होती है तो इसके सहारे अपराधी तक पहुंचा जा सकता है. पहले KYC सिर्फ बैंकों के लिए था लेकिन अब मोबाइल आधारित एप्स का इस्तेमाल बढ़ने से इसे उनके लिए भी लागू कर दिया गया है. इसी को पूरा करने के लिए 28 तारीख यानी आजतक की डेडलाइन तय की गई है.