Lok Sabha Election 2024: विपक्षी एकता को धार देने की मुहिम में एक कड़ी और जुड़ गई है. सालों बाद रविवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक साथ कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से मुलाकात की. मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि हम दोनों साथ-साथ मैडम से मिले हैं, अब हम साथ मिलकर बीजेपी को देश से भगाएंगे. दोनों नेताओं ने कहा कि, हमने सोनिया जी से आग्रह किया है कि आप सबको एक साथ बुलाएं जिस पर मैडम ने कहा कि कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव हो जाने दीजिए. उसके बाद ही हम आप सबसे एक साथ मिलेंगे और बात करेंगे.
बता दें कि बिहार में नई सरकार बनने के बाद पहली बार नीतीश कुमार और सोनिया गांधी की मुलाकात हुई है. इसके अलावा अरसे बाद लालू यादव भी 10 जनपथ पहुंचे थे. लालू-नीतीश की सोनिया से मुलाकात को 2024 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. सोनिया गांधी के 10 जनपथ आवास पर बैठक को विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय दलों के बीच मतभेदों को सुलझाने के प्रयास जारी हैं जिनका पारंपरिक रूप से टकराव रहा है.
लालू-नीतीश ने की साझा प्रेस कांफ्रेंस
नीतीश-लालू ने साझा प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि बीजेपी ने कइयों को जेल में बंद करने का काम किया है. देश में महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी चरम पर है. नीतीश ने कहा कि हम दोनों ने एक साथ बैठकर मैडम ( सोनिया गांधी ) से बात की है, अब हमें मिलकर देश के लिए काम करना है.
इससे पहले, नीतीश कुमार ने कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित सभी विपक्षी दलों को भाजपा से मुकाबला करने के लिए एकजुट करने का आह्वान किया और कहा कि यह ‘‘विपक्ष का मुख्य मोर्चा’’ सुनिश्चित करेगा कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों में बुरी तरह हार जाए.
हरियाणा में आयोजित की गई विपक्षी एकता रैली
नीतीश कुमार ने हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की ओर से पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती के मौके पर आयोजित एक रैली में कहा कि अगर सभी गैर-भाजपा दल एकजुट हों तो देश को तबाह करने वालों से छुटकारा मिल सकता है.
इनेलो नेता ओम प्रकाश चौटाला, शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, जिनका कांग्रेस के साथ टकराव का लंबा इतिहास रहा है, दोनों नेता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी और शिवसेना के अरविंद सावंत जैसे अन्य नेता वरिष्ठ नेताओं के साथ मंच पर थे.
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव भी मंच पर थे, जिसे गैर-भाजपा दलों के बीच एकता की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि कांग्रेस की ओर से कोई भी रैली में शामिल नहीं हुआ.
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