नई दिल्ली: बिहार के चर्चित चारा घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची के विशेष अदालत ने दोषी करार दिया. लालू को 1991 से 1994 के बीच देवघर राजकोष से 85 लाख रुपए अवैध रूप से निकाले का दोषी पाया गया जिसपर फैसला 3 जनवरी को सुनाया जाएगा.
इस मामले में कुल 16 लोगों को दोषी ठहराया गया जिसमें लालू प्रसाद भी शामिल हैं. वहीं दूसरी तरफ मामले में 7 लोगों को बरी कर दिया गया जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा शामिल हैं.
लालू यादव के दोषी करार देने के बाद राजनीति के गलियारों में बयानों का दौर भी शुरू हो गया. विपक्षी पार्टियों ने जहां लालू के साथ उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के खत्म होने की घोषणा कर दी तो वहीं राजद के नेता संघर्ष की बातें कर रहे हैं.
बिहार में कभी उनके साथी रहे और अब सत्ता में बैठी जनता दल यूनाइटेड के सांसद के सी त्यागी ने कहा कि अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं और अदालत ने जो फैसला दिया है उसका होना तय था. अपनी बातों को आगे बढाते हुए उन्होंने कहा कि लालू यादव के जेल जाने के साथ ही एक अध्याय खत्म हो गया है.
वहीं राजद नेताओं ने कोर्ट के साथ सीधे बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद ने कहा कि कोर्ट ने सजा को लेकर दोहरा रवैया अपनाया एक तरफ जहां जगन्नाथ मिश्र को रिहा कर दिया गया वहीं लालू यादव को दोषी करार दिया गया.
दूसरी तरफ आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि सीबीआई ने जान बूझ कर लालू को फंसाया है. उन्होंने कहा कि राजनैतिक रूप से जिस भी पार्टी को 11 अशोक रोड से खत्म नहीं किया जा सकता उन्हें जान बूझ कर फंसाया जा रहा हैं. उन्होंने कहा कि खुद लालू ने इस मामले में सबूत दिए और एफआईर करवाया था लेकिन आज दलित नेता पिछड़े तबके के नेताओं को फंसाया जा रहा है.