Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तरह से पाकिस्तान में घुसकर बदला लिया है उसे पड़ोसी मुल्क दशकों तक भूल नहीं पाएगा. भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की नाकाम कोशिशों के बाद इंडियन आर्मी ने पाकिस्तानी सैन्य कैंप और एयरबेस समेत उनके हथियारों को इतनी नुकसान पहुंचाया है, जिससे पाकिस्तान 5 पांच साल पीछे चला गया है. भारत की ओर से ये ऑपरेशन 6-7 मई की रात बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद शुरू हुआ था.
पाकिस्तानी एयरबेस को बनाया गया निशाना
भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादियों की मौत हो गई. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को टारगेट का ड्रोन हमले की कोशिश की, जिसे भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने आसमान में ही तबाह कर दिया. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 9-10 मई की रात को चकलाला और सरगोधा से लेकर रहीमयार खान और कराची तक पाकिस्तान के हवाई ठिकानों को निशाना बनाया. ये हमले हवा से दागी जाने वाली क्रूज मिसाइलों, स्टैंडऑफ हथियारों और हारोप और हार्पी जैसे हथियारों से किए गए.
पाकिस्तानी रडारों का हुआ भारी नुकसान
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के हमलों ने पाकिस्तान के रडार कवरेज के कमांड और कंट्रोल सिस्टम को ध्वस्त कर दिया. इतना ही नहीं मेड इन इंडिया हथियारों ने पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्किए और चीन के हथियारों की दुनियाभर में पोल खोल दी. भारतीय हथियारों ने लाहौर के पास चीन की ओर से दी गई प्रमुख HQ-9 मिसाइल साइटों और रडार स्टेशनों को नष्ट कर दिया, जिससे पाकिस्तान की हवाई निगरानी में बहुत बड़ी बाधा हो गई.
तुर्किए और चीन के हथियारों की खुली पोल
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की वायु सेना को अपनी सीमा के भीतर ही उड़ान भरने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वे भारतीय सीमाओं पर तैनात एस-400 और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम से डरे हुए थे. तुर्किए और चीन की ओर से पाकिस्तान को दिए गए ड्रोन को मार गिराने में भारत के पुराने L-70 और ZU-23 तोपों ने भी अहम भूमिका निभाई. 9 मई तक भारत ने पाकिस्तान के चकालाला, मुरीदके और सरगोधा एयरबेस पर कमांड और कंट्रोल सिस्टम को पूरी तरह से तबाह कर दिया.
भारतीय फाइटर जेट मिराज, राफेल, एसयू-30 और मिग-29 ने सटीकता से रैम्पेज और स्कैल्प मिसाइलें दागी. इस हमले में पाकिस्तानी एयर कमांड काम करना बंद कर दिया, जिससे पाकिस्तानी सेना एक-दूसरे को ढ़ंग से मैसेज देने में असमर्थ रहे. 10 मई की सुबह तक पाकिस्तान की हालत खराब हो चुकी थी. अपने रडार और C2 सिस्टम के तबाह हो जाने के बाद पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों को से संपर्क किया और सीजफायर की मांग की.