Sonam Wangchuk Fast: लद्दाख के जाने माने वैज्ञानिक सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) ने हिमालय बचाओ मुहिम शुरू की है. इससे पहले वांगचुक लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर पर बड़े आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने कहा कि लद्दाख में सिर्फ लेफ्टिनेंट गवर्नर की मनमानी चलती है. राज्य में पिछले तीन साल से कोई काम नहीं हुआ है. लद्दाख के ईकोसिस्टम को बचाने की मुहिम लेकर सोनम वांगचुक पिछले 5 दिनों से अनशन पर हैं. 

उन्होंने भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख को बचाने के लिए उपवास रखा हुआ है. इसके लिए उन्होंने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट डालते हुए लोगों से अनुरोध किया है कि अनशन के अंतिम दिन उनके क्षेत्र के लोग भी उपवास रखें. उन्होंने लिखा कि लद्दाख और उसके परिवेश के साथ एकजुटता दिखाने के लिए हर कोई अपने क्षेत्र में एक दिन का उपवास रखे. सोनम वांगचुक का कल यानी सोमवार (30 जनवरी) को उपवास का छठा और आखिरी दिन है.

मुहिम को जॉइन करने के लिए कहा

लद्दाख के सोनम वांगचुक ने अपने वीडियो में सभी लोगों से आह्वान किया है कि वे 30 जनवरी को उनकी मुहिम जॉइन करें. इसको लेकर हिमाचल के सामाजिक कार्यकर्ता उनके सपोर्ट में 30 जनवरी को एक दिन का उपवास रखेंगे. ये लोग शिमला में रिज मैदान पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अनशन करेंगे. ये प्रदर्शन शांतिपूर्वक ढंग से चलेगा. इस मुहिम का नाम 'हिमालय बचाओ, अपना भविष्य सुरक्षित करो' रखा गया है.

पर्यावरण पर प्रभाव पड़ रहा

लद्दाख में समाजिक कार्यकर्ता वैज्ञानिक सोनम वांगचुक राज्य में बढ़ती इंडस्ट्रीज़ और टूरिस्ट्स के बढ़ते चलन को लेकर चिंता जताई है. उनका मानना है कि लद्दाख और अन्य हिमालयी एरिया को इंडस्ट्रियल दबाव से सुरक्षा मिलनी चाहिए. क्योंकि, बढ़ती इंडस्ट्रीज़ के चलते पर्यावरण पर इसका प्रभाव पड़ रहा है. आस-पास के एरिया में पॉल्युशन बढ़ता जा रहा है.

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