लेह की सर्वोच्च संस्था और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में 24 सितंबर की घटना के बाद की स्थिति पर बात की और मामले की न्यायिक जांच की अपनी मांग दोहराई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेह की सर्वोच्च संस्था और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के सभी नेता शामिल हुए, जिसमें समूहों ने कहा कि सरकार की ओर से मांगी गई सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू किए जाएंगे.

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उन्होंने आगे घोषणा की है कि क्षेत्र में जल्द ही एक मौन मार्च निकाला जाएगा, इसमें इसमें शामिल होने वाले लोग काली पट्टियां बांधेंगे और उसके बाद शाम 6 से 9 बजे तक पूर्ण ब्लैकआउट रहेगा. विरोध प्रदर्शन की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी.

उत्पीड़न और गिरफ्तारियों का आरोप

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नेताओं ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य यह संदेश देना है कि लद्दाख में सब कुछ ठीक नहीं है, उन्होंने क्षेत्र में लगातार उत्पीड़न और गिरफ्तारियों का आरोप लगाया. लद्दाख में आंदोलन 2021 से चल रहा है, जिसमें प्रदर्शनकारी लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के रूप में संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं.

2023 और 2025 के बीच प्रदर्शन जारी

उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रतिनिधि समूहों और भारत सरकार की समिति के बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन वे बेनतीजा रही. 2023 और 2025 के बीच कई बार प्रदर्शन और उपवास आयोजित किए गए, लेकिन 24 सितंबर को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसके परिणामस्वरूप चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और सौ से अधिक घायल हो गए. हिंसा के लिए सरकार ने भूख हड़ताल पर बैठे पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को दोषी मानकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार करके जोधपुर जेल बेज दिया.  

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