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जांच एजेंसियों ने लद्दाख की पूर्वी सीमाओं के जरिए संचालित एक चीनी प्रायोजित सोने की तस्करी के गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस साजिश का पर्दाफाश प्रवर्तन निदेशालय ने किया है, जो 2024 में एक बड़े पैमाने पर सोने की तस्करी के भंडाफोड़ की जांच कर रहा था, जिसमें एक हजार किलोग्राम से ज्यादा सोना बरामद हुआ था.

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि पिछले साल पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास बड़ी मात्रा में सोने की ज़ब्ती की उसकी जांच से एक बड़े सीमा पार सोने की तस्करी के गिरोह का पता चला है, जो 2023 और 2024 के दौरान भारत में एक हजार किलोग्राम से ज्यादा सोना भेजने के लिए जिम्मेदार है.

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108 सोने की छड़ों के साथ पकड़ा गया चीनी तस्कर

यह मामला तब प्रकाश में आया जब भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के एक गश्ती दल ने 9 जुलाई, 2024 को पूर्वी लद्दाख के चांगथांग उप-क्षेत्र के सिरिगापले में दो लोगों को रोका. दोनों की पहचान त्सेरिंग चंबा और स्टैनज़िन दोरग्याल के रूप में हुई है, और उन्हें 108 सोने की छड़ों के साथ पकड़ा गया, जिनमें से प्रत्येक का वजन एक किलोग्राम था.

माल ले जाने के लिए कुलियों का करते थे इंतजाम

ईडी के अनुसार, तस्करी के इस रैकेट का मास्टरमाइंड भारत में तेंदु ताशी नाम का एक व्यक्ति था, जो भू-चुम-चुम नाम के एक चीनी नागरिक के साथ मिलकर काम करता था. एजेंसी ने कहा कि चीनी संपर्क ने कुलियों के जरिए तिब्बत से भारत में सोना पहुंचाया. उनमें से एक, तिब्बत निवासी तेनजिन खंडप, नामित रिसीवर और ट्रांसपोर्टर के रूप में काम करता था, जबकि उसके चाचा, तेनजिन सम्फेल, माल ले जाने के लिए कुलियों का इंतजाम करते थे.

जांचकर्ताओं ने पाया कि 2023 और 2024 के बीच, यह गिरोह लगभग 800 करोड़ रुपये मूल्य के 1,064 किलोग्राम विदेशी सोने की तस्करी देश में करने में कामयाब रहा.

लद्दाख से दिल्ली लाए जाने के बाद, यह माल ज्वैलर्स और डीलरों को बिक्री के लिए सौंप दिया गया. चीनी आपूर्तिकर्ता को भुगतान कथित तौर पर क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के माध्यम से किया गया था, विशेष रूप से यूएसडीटी (टीथर) का उपयोग करके.

आगे की जांच है जारी

ईडी ने कहा कि उसने अपनी चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जाँच के तहत दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पांच और लद्दाख में एक जगह पर छापेमारी की. अधिकारियों ने बताया कि तस्करी नेटवर्क ने पकड़े जाने से बचने के लिए रसद, निपटान और भुगतान के लिए एक परिष्कृत प्रणाली बना रखी थी. एजेंसी ने आगे कहा कि अपराध की आय का पता लगाने और सिंडिकेट से जुड़े सभी लोगों की पहचान करने के लिए आगे की जांच जारी है.