नई दिल्ली: पत्रकार से नेता बने आशुतोष ने जैसे ही आम आदमी पार्टी छोड़ने का एलान किया, पार्टी से नाराज़ चल रहे कवि और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के समय सक्रिय पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने अपनी चिरप्रचित शैली में अपनी प्रतिक्रिया देने में जरा भी देर नहीं की. इस तरह पार्टी से
आशुतोष की विदाई को कुमार विश्वास ने राजनीतिक हत्या करार दिया है और इसके लिए रुपक के तौर पर महाभारत में शिशुपाल और कृष्ण के वरदान की चर्चा की है.
पत्रकार से नेता बने आशुतोष ने आदमी पार्टी छोडी, ट्विटर पर किया इस्तीफे का एलान एक के बाद एक आम आदमी पार्टी से छोड़ते वरिष्ठ और कद्दावर नेताओं की विदाई की तरफ इशारा करते हुए कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, ''हर प्रतिभासम्पन्न साथी की षड्यंत्रपूर्वक निर्मम राजनैतिक हत्या के बाद एक आत्ममुग्ध असुरक्षित बौने और उसके सत्ता-पालित, 2G धन लाभित चिंटुओं को एक और “आत्मसमर्पित-क़ुरबानी” मुबारक हो ! इतिहास शिशुपाल की गालियां गिन रहा है आज़ादी मुबारक.''
आपको बता दें कि बीते कई महीनों से आशुतोष पार्टी से नाराज चल रहे थे और पार्टी में अपनी सक्रियता भी करीब-करीब खत्म कर रखी थी. आशुतोष ने ट्विटर पर अपने इस्तीफे का एलान किया. उन्होंने ट्विट पर लिखा, ''हर यात्रा का एक अंत होता है. आम आदमी पार्टी के साथ खूबसूरत और क्रांतिकारी जुड़ाव भी आज खत्म हो गया. मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और पीएसी से निवेदन किया है कि वो मेरा इस्तीफा स्वीकार करें. मैंने यह फैसला बेहद निजी कारणों के चलते लिया है. मैं पार्टी और अपने समर्थकों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं, धन्यवाद.''
याद रहे कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब
आम आदमी पार्टी से वरिष्ठ, संस्थापक सदस्यों ने विदाई ली हो. ये फेहरिस्त काफी लंबी है और लगातार लंबी होती जा रही है. आशुतोष इसके ताजा उदाहरण हैं. इससे पहले प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव भी बड़ी बेआबरू होकर इस गली से निकले थे. आप के विधायक कपिल मिश्रा इन दिनों बागी हैं और केजरीवाल सरकार के खिलाफ खूब बोलते हैं. अश्वनी कुमार, शाजिया इल्मी, गुरप्रीत सिंह 'घुग्गी', विनोद कुमार बिन्नी जैसे नेता भी पार्टी छोड़ चुके हैं. कवि से नेता बने कुमार विश्वास तो पार्टी से नाराज हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है.