नई दिल्ली: बीस महीनों से ज़्यादा लंबे इंतजार के बाद पाकिस्तान की कैद में मौजूद कुलभूषण जाधव से बूढ़ी मां और भावुक पत्नी की इस्लामाबाद में हुई मुलाकात इमोशनल अत्याचार से ज़्यादा कुछ नहीं थी. सुरक्षा चिंता के नाम पर तारी पाबंदियों की सूरत में परेशान करने से लेकर मीडिया के बेतुके सवालों के आगे धकेलने की ज़िद तक कई हथकंडे अपनाए गए.

मुलाकात भी ऐसी कि मिलने के बाद मां ही कह उठी कि लग ही नहीं रह की यह मेरा बेटा कुलभूषण है. उस पर सितम यह की पत्नी चेतना जाधव को अपने पति से सुहागन की तरह मिलने नहीं दिया गया. दोनों महिलाओं के सारे सुहाग चिह्न तक उतरवा लिए गए. परिवार ने अपनी आपबीती का जो बयान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और आला अधिकारियों के आगे किया वो रोंगटे खड़े कर देने वाला है.

एबीपी न्यूज़ को मिली खास जानकारी की मुताबिक, जाधव परिवार की मानसिक यतना का दौर बेनज़ीर हवाई अड्डे से ही शुरू हो गया था. परिवार को न केवल सख्त सुरक्षा घेरे में रखा गया था बल्कि उनकी हर पल वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जा रही थी. उनकी निजता बनाये रखने के लिए कई बार परिवार के साथ चल रहे भारतीय डिप्टी हाई कमिश्नर जेपी सिंह को दखल भी देना पड़ा. यहां तक कि लंबा सफर कर दिल्ली से दुबई के रास्ते इस्लामाबाद पहुंची अवंति और चेतना जाधव को बाथरूम के इस्तेमाल के लिए भी भारतीय उच्चायोग पहुंचने का इंतज़ार करना पड़ा.

सूत्रों के मुताबिक जाधव परिवार की महिलाओं और भारतीय राजनयिक जेपी सिंह को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय तक ले जाने के लिए भारतीय उच्चायोग की बजाय पाक सरकार का ही वाहन मुहैय्या कराया गया था. सूत्रों के मुताबिक एक सोची समझी रणनीति के तहत दोनों महिलाओं को लेकर जब कार पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अहाते में पहुंची तो ड्राइवर ने जानबूझकर ऐसे स्थान पर गा आड़ी को रोका जहां मीडिया के कैमरे लगे थे. परिवार को मुख्य इमारत के दरवाजे तक चलकर जाना पड़ा. इस दौरान अवंति और चेतना जाधव को सीना छलनी करते ऐसे सवालों का सामना करना पड़ा जो पूछ रहे थे. एक कातिल की मां और बीवी के तौर पर पाकिस्तान आकर कैसा लग रहा है?

बहरहाल ऐसे किसी सवाल का जवाब न दिया जाना था और न दिया गया. मगर भारतीय खेमा इस बात को लेकर खासा नाराज़ है कि पहले से बताए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने परिवार के मीडिया से रूबरू कराने की कोशिश आखिर तक की. भारतीय विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार के मुताबिक पाकिस्तानी मीडिया को परिवार तक पहुँचने और उनसे कुलभूषण जाधव को लेकर बेहूदा सवाल पूछकर परेशान करने के कई मौके दिए गए. ऐसा तब किया गया जबकि पाक सरकार की तरफ से मीडिया संपर्क न कराने का भरोसा भारत को दिया गया था. मुलाकात खत्म होने पर कार को लेने में जानबूझकर की जा रही देरी और पैदल चलकर जाने को लेकर पाकिस्तानी आग्रह पर भारतीय राजनयिक जेपी सिंह का प्रतिकार तो सभी कैमरों में भी कैद भी हुआ.

मुलाकात से पहले भी परिवार को कई तरह से परेशान किया गया. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फैसल महमूद द्वारा दोनों जाधव महिलाओं को आराम से बैठा दिखती जो तस्वीर ट्वीट की गई थी उसका असली सच यह है कि पाक विदेश मंत्रालय ने न केवल उनकी सख्त तलाशी ली गई बल्कि चूड़ी, बिंदी, मंगलसूत्र हटवाकर कपड़े तक बदलवाए गए.

विदेश मंत्रालय ने मुलाकात के बाद जारी बयान में कहा कि पाकिस्तान ने धार्मिक भावनाओं को दरकिनार करते हुए न केवल दोनों महिलाओं के आभूषण उतरवाए बल्कि मीटिंग से पहले उतरवाए गए चेतना जाधव के जूते भी नहीं लौटाए. सूत्रों के मुताबिक कांच की दीवार के बीच होने वाली मुलाकात के लिए दोनों महिलाओं के सिर के बालों की भी चैकिंग की गई.

सूत्र बताते हैं कि 41 मिनट तक चली मुलाकाट के लिए अवंती और चेतना जाधव को जब शीशे के केबिन में ले जाया गया तो कुलभूषण जाधव वहां पहले से मौजूद थे. करीब दो साल बाद अपने बेटे से मिल रही मां ने उसे सामने देखकर ज्यों ही मातृभाषा मराठी में बात शुरू की त्यों ही नज़दीक बैठी पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय अधिकारी फरहा बुगती ने स्पीकर फोन बन्द करते हुए निर्देश दिया कि आप लोग हिंदी या अंग्रेज़ी में ही बात करें. परिवार के भावुक संवाद में मराठी आने पर यह सिलसिला हर बार दोहराया जाता रहा.

सूत्रों के मुताबिक परिवार ने मुलाकात के बाद दिए अपने फीडबैक में इस बात पर ज़ोर दिया कि कुलभूषण बेहद बनावटी तौर पर बात कर रहे थे. यहां तक कि उनकी मां को कई बार कहना पड़ा कि बेटा तुम झूठ क्यों बोल रहे हो? पाकिस्तानी आरोपों को साबित करने के लिए मुलाकात में कुलभूषण से कहलवाया गया कि वो किस तरह से जासूसी में लगा और कैसे उसने कई आतंकी कारनामों को अंजाम दिया. जाधव के इन बयानों पर आंसुओं के बीच भी मां को कहना पड़ा कि बेटा तुम क्यों दबाव में झूठ बोल रहे हो.

मुलाकात के तनाव का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि आखों में आंसुओं का सैलाब समेटे बैठी पत्नी चेतना जाधव अपने पति से बात भी नहीं कर सकी. परिवार ने कुलभूषण के माथे, कान पर चोट के निशान और चेहरे पर सूजन को भी रिपोर्ट किया है. सूत्र बताते हैं कि मुलाकात से पहले कुलभूषण जाधव की रटाई की स्थिति यह था कि उसने अपनी मां और पत्नी से आग्रह किया कि वो बाहर निकलकर पाकिस्तानी मीडिया के आगे बयान दें और बताएं कि उसे कितना अच्छे से रखा जा रहा है.

हालांकि सूत्रों के अनुसार बेहद कष्ट के बीच हुई मुलाकात के बावजूद भावुक मां अवंति जाधव ने विदेश मंत्री के आगे इस बात का संतोष जताया कि कम से कम वो अपने बेटे को देख तो पायीं. विदेश मंत्री ने परिवार को ढांढस बंधाया की सरकार और देश उनके साथ है और कुलभूषण जाधव को छुड़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.

उम्मीद अभी बाकी है इस मुलाकात के तौर तरीकों पर गंभीर आपत्तियों के बावजूद परिवार और भारत सरकार ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है. कुलभूषण जाधव को दी गई सज़ा-ए-मौत पर अमल को लेकर पाकिस्तान के हाथ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय(आईसीजे) की रोक से बंधे हैं. आईसीजे में जाधव का मामला लंबित है जिसके लिए सितंबर 2017 में भारत और दिसंबर 2017 पाकिस्तान अपनी दलील रख चुके हैं.

जजों के नए चुनाव के बाद आईसीजे में नई पीठ का गठन अगले फरवरी-मार्च तक होगा. इसके बाद जाधव मामले पर सुनवाई की दिशा क्या होगी यह न्यायालय तय करेगा. ऐसे में जाधव को जहां इंसाफ के लिए इंतज़ार करना होगा वहीं फैसले तक पाकिस्तान पर भी अन्तरराष्ट्रीय रोक भी जारी रहेगी.