kolkata News: कोलकाता की एक विशेष पोक्सो अदालत ने मंगलवार (18 फरवरी, 2025) को 7 महीने की बच्ची से बलात्कार और हत्या के प्रयास के दोषी को फांसी की सजा सुनाई. बैंकशाल स्थित पोक्सो कोर्ट ने सोमवार को आरोपी को दोषी करार दिया था, जिसके बाद मंगलवार को सजा का ऐलान किया गया. कोर्ट ने महज 75 दिनों में इस मामले की सुनवाई पूरी कर दी.

दोषी को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में सुनाई गई फांसी 

अभियोजन और बचाव पक्ष के अंतिम तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने इसे "रेयरेस्ट ऑफ रेयर" मामला करार दिया. न्यायाधीश इंद्रिला मुखर्जी ने दोषी राजीव घोष को भारतीय दंड संहिता की धारा 65 (2), 140 (4), 137 (2), 118 और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत दोषी पाया. इन धाराओं के तहत अधिकतम सजा के रूप में उसे फांसी दी गई और पीड़ित के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.

झारग्राम से गिरफ्तारी, 40 दिनों में पूरी हुई सुनवाई 

राजीव घोष ने 30 नवंबर को यह अपराध किया था, जिसके बाद उसे 5 दिसंबर की सुबह झारग्राम जिले के गोपीबल्लवपुर स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने 30 दिसंबर को मामले में पहला आरोप पत्र दाखिल किया, जिसके कुछ दिनों बाद पूरक आरोप पत्र भी पेश किया गया. 7 जनवरी से शुरू हुई सुनवाई महज 40 दिनों में पूरी कर ली गई.

पीड़ित परिवार ने फैसले पर संतोष जताया 

पीड़िता का इलाज कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रहा है. सरकारी अभियोजक बिभास चटर्जी ने बताया कि बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है. हालांकि इस फैसले पर पीड़ित परिवार ने संतुष्टि जाहिर की है.

बंगाल में पोक्सो अधिनियम के तहत छठी फांसी की सजा 

पिछले छह महीनों में पश्चिम बंगाल की अदालतों द्वारा सुनाई गई यह सातवीं मौत की सजा थी. पोक्सो अधिनियम के तहत नाबालिगों के यौन उत्पीड़न के लिए दी गई यह छठी फांसी की सजा है.

लेडी डॉक्टर हत्या मामला भी रहा सुर्खियों में 

बता दें कि इससे पहले, कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक लेडी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या का मामला भी चर्चा में रहा था. इस मामले में सीबीआई जांच के बाद कोलकाता पुलिस के सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को दोषी करार दिया गया था. सियालद कोर्ट ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, हालांकि पीड़ित परिवार ने उसके लिए फांसी की मांग की थी.

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