कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों का हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी है. इससे पहले हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने गुरुवार दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश को नहीं माना और हड़ताल जारी रखने का फैसला किया. इन डॉक्टरों को भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) का साथ मिला है. आईएमए ने आज ‘अखिल भारतीय विरोध दिवस’ घोषित किया है. ऐसे में कोलकाता के मेयर और पश्चिम बंगाल के मंत्री फ़रहाद हकीम की बेटी सबाह हकीम, जो एक डॉक्टर हैं, ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तरफ से की जा रही कार्रवाइयों की निंदा की है. सबाह हकीम ने विरोध जताते हुए कहा कि डॉक्टरों को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध और काम के लिए सुरक्षा का अधिकार है. एक फेसबुक पोस्ट में सबाह हकीम ने लोगों से गुहार की कि वे सरकार से सवाल करें कि गुंडे अभी भी अस्पतालों के आसपास थे क्यों घूम रहे हैं और डॉक्टरों की पिटाई क्यों कर रहे थे. सबाह ने बुधवार-गुरुवार की आधी रात के करीब सोशल नेटवर्किंग साइट पर कहा, ''एक टीएमसी समर्थक होने के नाते मैं नेताओं की चुप्पी पर बहुत शर्मिंदा हूं.'' हकीम ने लिखा, "उन रोगियों की क्या गलती है?'' सबाह ने सुझाव दिया कि उन्हें (रोगियों को) सरकार से सवाल करना चाहिए कि सरकारी अस्पतालों में तैनात पुलिस अधिकारी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्यों कुछ भी नहीं करते हैं? उन्होंने पोस्ट में लिखा कि लोग कृपया सरकार से सवाल करें कि जब गुंडों से भरे दो ट्रक नजर आए तो उन पर तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई.'' उन्होंने लिखा, "कृपया सवाल करें कि गुंडे अभी भी अस्पतालों के आसपास क्यों हैं और डॉक्टरों की पिटाई क्यों कर रहे हैं? हमें शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार है. हमें काम पर सुरक्षा का अधिकार है.''