Kolhapur Violence: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में औरंगजेब को लेकर शुरू हुए बवाल के बाद सियासत गरम है. इसी के मद्देनजर उद्धव गुट वाली शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में बीजेपी पर जमकर हमला बोला. सामना में लिखा है कि महाराष्ट्र में औरंगजेब को दफन किए सवा तीन सौ साल हो गए हैं, लेकिन औरंगजेब को पुनर्जीवित करने का प्रयास महाराष्ट्र में कुछ राजनीतिक दल कर रहे हैं. सामना में कहा गया है कि कर्नाटक में जनसभाओं में बजरंग बली की गदा घुमाने के बाद भी बीजेपी की शर्मनाक हार हुई इसलिए महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र खोदने का काम शुरू हो गया है. 

सामना में आगे लिखा गया है, ''ऐसा लग रहा है कि औरंगजेब अब महाराष्ट्र की सियासत में नया हथियार बन गया है. महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार रहने के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने औरंगजेब की कब्र को खोदकर हमेशा के लिए खत्म करने की बात कही थी. अब उनकी ही सरकार आ गई है और कब्र जगह पर है और उसी औरंगजेब की मदद से उनकी राजनीति चल रही है.''

असदुद्दीन ओवैसी को लेकर लिखी ये बात

सामना में ये भी लिखा है, ''हैदराबाद से संभाजीनगर आकर औरंगजेब की मजार के सामने नमाज अदा करने वाले एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी पीएम मोदी की पार्टी के करीबी दोस्त हैं. उत्तर प्रदेश से लेकर कई राज्यों में जीत हासिल करने के लिए ओवैसी की पार्टी को राजनीतिक सुपारी दी जा रही है. मुसलमानों के वोट तोड़ने वाले यंत्र के रूप में उनका इस्तेमाल किया जा रहा है, ये किसी से छिपा नहीं है. ''

इतना ही नहीं सामना मुखपत्र में आगे लिखा गया, ''कुछ दिनों से महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ के नाम से मोर्चे निकाले जा रहे हैं और अब औरंगजेब को कंधे पर बैठाकर हिंदुत्व के खतरे में होने की दुहाई दी जा रही है. दफन किए गए मुर्दों के कारण हिंदुत्व खतरे में पड़े, हिंदुत्व इतना कच्चा और कमजोर नहीं है. कमजोर बीजेपी और गद्दारों की राजनीति है. महाराष्ट्र के अन्य मुद्दों पर से ध्यान भटकाने के लिए ही औरंगजेब के मुर्दे को निकाला जा रहा है.''

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