नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल होते हैं. इन वायरल फोटो, मैसेज और वीडियो के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही दावा एक वीडियो को लेकर किया जा रहा है.

वीडियो के जरिए दावा है कि कश्मीर घाटी में एक आवाज है जो इस्लाम के नाम पर आतंक फैलाने वालों को धिक्कार रही है. दावा है कि कश्मीर घाटी से उठी वो आवाज है जो आतंकियों को बेखौफ होकर खुली चुनौती दे रही है.

वीडियो में एक शख्स कहता दिखाई दे रहा है कि जहां हमें नेकी कमानी चाहिए, जहां हमें गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए, जहां हमें सदके करने चाहिए, जहां हमें खैरात करने चाहिए. वहां चंद लोगों ने हमारी हुकूमत को बदनाम करने के लिए जम्मू कश्मीर के डीएसपी को मौत के घाट उतार दिया.

ये वीडियो चौंका रहा है क्योंकि लगातार कश्मीर में सिर्फ नफरत के मंजर नजर आ रहे हैं जहां सिर्फ सेना के खिलाफ जहर उगला जा रहा है. जहां आतंक के रास्ते पर आगे बढ़ने वालों को हीरो की तरफ पेश किया जा रहा है.

क्या है वायरल वीडियो में? साढ़े तीन मिनट के वायरल वीडियो में काला कुर्ता पायजामा पहने एक शख्स बीच सड़क पर भीड़ जमा करके अपनी बात रखने की गुजारिश करता है. लोगों से अपील करता है कि वो हिंदुस्तान का लोकतंत्र और इस्लाम क्या कहता है इसे समझने की कोशिश करें.

क्या ये वीडियो वाकई कश्मीर घाटी का है? वीडियो का सच जानने के लिए एबीपी न्यूज ने पड़ताल शुरू की. पड़ताल में वीडियो देखकर पता चल चुका था कि ये कोई आम चेहरा नहीं है. वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम गुफ्तार चौधरी है. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके गुफ्तार अब अपने इलाके में सामाजिक मुद्दों पर आवाज बुलंद कर रहे हैं

पड़ताल में पता चला कि गुफ्तार चौधरी जम्मू के राजौरी जिले के कोटरनका तहसील में रहते हैं. एबीपी न्यूज़ ने गुफ्तार चौधरी के घर जाकर उनसे बात की.  गुफ्तार चौधरी के मुताबिक प्रार्थना सभा के पीछे मकसद हर तरफ पसर रही नफरत को रोकना था और लोगों को बताना कि हमारा मजहब हमें खून बहाने के लिए नहीं कहता. गुफ्तार चौधरी ने यहां तक कहा कि घाटी में हुर्रियत को खून बहने से रोकना चाहिए लेकिन हुर्रियत नफरत फैलाकर अपनी रोटियां सेंक रहा है.

एबीपी न्यूज की पड़ताल में सामने आया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये वीडियो कश्मीर का नहीं बल्कि जम्मू के राजौरी इलाके का है. इसलिए पड़ताल में वीडियो तो सच है लेकिन वीडियो कश्मीर का नहीं बल्कि जम्मू के राजौरी का है.