नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में चुनाव खत्म हो चुका है लेकिन माहौल अभी भी शांत नहीं हुआ है. सोशल मीडिया पर चुनाव को लेकर एक मैसेज वायरल हो रहा है. एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसके जरिए दावा किया जा रहा है कि अगर आप चुनाव के नतीजों से खुश नहीं है तो आप एक नंबर पर मिस कॉल करके EVM से हुए चुनाव को रद्द करने की अपील कर सकते हैं.
वायरल मैसेज में लिखा है, ''EVM से हुए चुनाव को रद्द करने के लिए आप सभी को एक नंबर पर मिस कॉल करनी है. मिस कॉल करने का कोई शुल्क नहीं है. 10,00,000( 10 लाख) संख्या की जरूरत है. सिर्फ 15-03-2017 तारीख तक मान्य है. नंबर है 8303501000 यानि आपके पास सिर्फ आज का वक्त है.''
इतना ही नहीं मैसेज के साथ ये अपील भी की गई है कि अगर नंबर व्यस्त आए तो भी कॉल करते रहिए. मैसेज पढ़ कर लोग लगातार इस नंबर पर कॉल कर रहे हैं ये सोचकर की उनका एक मिस्ड कॉल उत्तर प्रदेश का नसीब बदल देगा.
ABP न्यूज ने वायरल हो रहे इस मैसेज कि पड़ताल की
राजनीति के बड़े चेहरे EVM से छेड़छाड़ होने का दावा कर रहे हैं. इसलिए भी आम जनता इस मैसेज पर भरोसा कर रही है. इन नेताओं के बयानों के बाद से ही सोशल मीडिया पर EVM के जरिए वोटिंग के तरीके पर सवाल खड़े किए जाने लगे.
एबीपी न्यूज़ की टीम ने सबसे पहले मैसेज में दिए जा रहे नंबर पर हमने कॉल किया. हमने 8303501000 इस नंबर पर कई बार कॉल किया लेकिन नंबर नहीं लगा. ना ही मिस कॉल गई और ना ही नंबर व्यस्त मिला. लेकिन truecaller पर नंबर को लेकर कुछ जानकारी जरूर मिली. Truecaller पर ये नंबर पूर्वी उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है. नंबर बीएसपी के नाम पर दिखा रहा है जिसे 94 लोगों ने स्पैम यानि फर्जी रिपोर्ट करवाया है.
जानकारी को और पुख्ता करने के लिए हम चुनाव आयोग के पूर्व सलाहकार के पास पहुंचे और पूछा कि क्या चुनाव आयोग कभी इस तरह का कोई नंबर जारी करता है? चुनाव आयोग के पूर्व सलाहकार केजे राव ने बताया कि जो नम्बर वाट्सऐप पे चल रहा है चुनाव रद्द कराने के संदर्भ में वो सिर्फ़ भ्रम फैलाने वाला है. चुनाव आयोग इस तरह से नम्बर नहीँ जारी करता.
क्या EVM के साथ छेड़छाड़ करना संभव है?
EVM इलेक्शन कमिशन की तरफ से जारी होता है जो कि एक स्वतंत्र संस्था है औऱ इसका सरकार से कोई लेना- देना नहीं है. किस बूथ पर कौन सी ईवीएम जायेगी, इसके लिए रैंडम प्रक्रिया होती है. यानी तय नहीं रहता कि कौन सी EVM कहां जाने वाली है ? पोलिंग पार्टी को भी एक दिन पहले डिस्पैचिंग के समय ही पता चल पाता है कि उसके पास किस सीरिज की ईवीएम आई है. यानि EVM के साथ छेड़छाड़ वाली बात पूरी तरह से बेबुनियाद है. चुनाव रद्द करना इतना आसान नहीं है कि एक मिस्ड कॉल भर से किया जा सके. अगर किसी सूरत में EVM के साथ कोई गड़बड़ी होती है तो सिर्फ किसी भी पार्टी का उम्मीदवार जिसे वोटिंग या नतीजे पर संदेह है वो ही चुनाव रद्द करने की अपील कर सकता है. आम जनता के लिए ऐसा करना संभव नहीं है. पड़ताल में वायरल मैसेज झूठा साबित हुआ है.