नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल होते हैं. वायरल हो रहे इन फोटो, वीडियो और मैसेज के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक दावा सोशल मीडिया पर सनसनी बढ़ा रहा है.

सोशल मीडिया पर रेलवे भर्ती परीक्षा के नाम पर मोदी और मनमोहन सरकार के बीच तुलना शुरू हो गई है. दावा है कि मनमोहन सरकार जिस बात के लिए 40 रुपए फीस लेती थी अब मोदी सरकार उसी काम के लिए बेरोजगारों से 500 रुपए वसूल रही है. यानि फीस 12 गुना बढ़ गई है. दावा ये भी है कि एसएसटी वर्ग से भी मोदी सरकार 250 रुपए वसूल रही है जबकि मनमोहन सरकार में एस एसटी वर्ग के लिए कोई फीस नहीं थी.

क्या दिख रहा है वायरल तस्वीर में? वायरल तस्वीर में सबसे ऊपर बाईं तरफ रेलवे का लोगो है. उसी के साथ लिखा है- भारत सरकार, रेलवे मंत्रालय, रेलवे भर्ती बोर्ड. मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी दोनों ही तस्वीरों में सबकुछ एक जैसा है. यानि असिस्टेंट लोको पायलट और टेक्नीशियन कैटेगरी के लिए भर्ती की सूचना है. वायरल तस्वीर में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तस्वीर के साथ परीक्षा फीस 40 रुपए लिखी हुई. मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ रेलवे की उसी परीक्षा की फीस 500 रुपए लिखी हुई है.

एबीपी न्यूज़ ने की वायरल दावे की पड़ताल एबीपी न्यूज़ वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता से संपर्क किया. रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने हमें बताया कि नमोहन सरकार में रेलवे भर्ती के लिए जो फीस 100 रुपए थी वो अब 500 रुपए है. रेलवे भर्ती परीक्षा के लिए जो नोटिस इंटरनेट पर मौजूद हैं उनमें भी फीस 500 रुपए ही लिखी हुई थी.

इस खबर के चर्चा में आने के बाद और वायरल सच की पड़ताल शुरू होने के दो दिन बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए. पीयूष गोयल ने बताया कि सरकार ने रेलवे भर्ती के लिए फीस 500 रुपए जरूर रखी है लेकिन जो परीक्षार्थी परीक्षा देंगे उन्हें 400 रुपए वापस कर दिए जाएंगे.

रेल मंत्री ने कहा, ''कई लोग परीक्षा के लिए फॉर्म भरते हैं, फॉर्म भरने के बावजूद वो लोग नहीं आते हैं. सरकार इस परीक्षा के लिए बहुत खर्च करती है. इसलिए ये फीस रखी गई थी जिन्होंने 500 रुपए भरे हैं उन्हें 400 रुपए वापस मिलेंगे. सिर्फ गंभीर आवेदक ही इस पद के लिए आवेदन करें.''

एबीपी न्यूज की पड़ताल में सामने आया कि एससी एसटी के लिए परीक्षा फीस 250 रुपए है जो परीक्षा देने के बाद पूरी वापस हो जाएगी. सामान्य वर्ग के लिए परीक्षा फीस 500 रुपए है जो अभ्यार्थी परीक्षा देंगे उन्हें 400 रुपए वापस कर दिए जाएंगे. इसलिए रेल मंत्री पीयूष गोयल के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद मोदी राज में रेलवे भर्ती के नाम पर बेरोजगारों से वसूली का दावा झूठा साबित हुआ है.