कोविड-19 की वजह से कई लोगों की नौकरी छूट गई है. ग्रामीण इलाकों में भी कामकाज पर भरी असर पड़ा है. ऐसे में केंद्र सरकार ने प्रवासी नागरिकों को राशन देने के लिए 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना की शुरुआत की है. इसके तहत अब आर्थिक तंगी से गुजर रहे लोगों को बहुत ही कम कीमत पर गेंहू, चावल जैसे जरूरी अनाज दी जा सकेंगी. कोई भी राशन कार्ड धारक इस योजना का लाभ ले सकता है.
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना देशभर में लागू की है. इसके तहत अब कार्ड धारक देश में कहीं से भी राशन ले सकता है. इसके अंतर्गत देशभर से लगभग 5.25 लाख राशन दुकानें शामिल हैं. इस योजना के तहत अब राशन आसानी से जरूरतमंदों को मिल जाएगा. नेशनल फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत, 65 साल से ज्यादा के लोग और दिव्यांगों को उनके घर पर राशन पहुंचाया जा रहा है.
जानिए कैसे मिलता है इस योजना का लाभ
यह व्यवस्था बायोमैट्रिक सिस्टम पर आधारित है. इससे राशन कार्ड धारक की पहचान उसकी आंख और हाथ के अंगूठे से होती है. इस योजना से देशभर के 32 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जुड़ चुके हैं. अगर कोई राशन कार्ड धारक दूसरे शहर जा रहा है तो वह 'मेरा राशन ऐप' पर खुद रजिस्टर कर के जानकारी दे सकता है. रजिस्ट्रेशन करने बाद उसे वहीं राशन मिल जाएगा. इसके साथ ही प्रवासी लाभार्थियों को इस ऐप के जरिए पता करना आसान होगा कि उनके आसपास पीडीएस के तहत संचालित राशन की कितनी दुकानें हैं. कौन सी दुकान उनके सबसे ज्यादा करीब है, यह भी आसानी से पता लगाया जा सकता है.
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