नई दिल्लीः जहां पूरे देश में पीएनबी के महाघोटाले को लेकर चर्चा चल रही है वहीं इस मामले में हीरो के कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि जेम्स के मेहुल चोकसी के फ्रॉड में शामिल होने के बाद हीरों को लेकर चल रहे काले कारोबार की सच्चाई भी सामने आने लगी है.

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चमकीले हीरों के कारोबार में बैंकों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जाता है तो ऐसे में ये सवाल जरूर उठता है कि बैंकर्स हीरो के फ्रॉड कारोबार के चक्कर में कैसे फंसते हैं और क्या है चमकीले हीरों के कारोबार की काली सच्चाई? भारत में डायमंड सिटी के नाम से मशहूर सूरत में हर दिन हीरों का करोड़ों रुपए का कारोबार होता है लेकिन इस चमकते कारोबार के साथ ही चलता है कमाई का काला खेल.

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सूरत डायमंड एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष, दिनेश नावडिया ने बताया कि ऐसे काला कारोबार करने वालों की विदेशों के अंदर खुद की कंपनी होती है, देश में भी उनकी अपनी कंपनी होती है तो यहां से अपनी ही कंपनी को माल भेज देते हैं फिर कह देते हैं कि पेमेंट आया नहीं. दिनेश नावडिया के मुताबिक कारोबारी ज्यादा बिल बनाकर कच्चे हीरे आयात करते हैं, उस बिल पर बैंक से लोन लेते हैं बाद में उन्हीं हीरों को तराश कर बनाए गहने विदेश में भेज दिए जाते हैं. इस पूरे खेल में बैंक अधिकारी भी शामिल होते हैं. इसके पीछे मिलीभगत के कारण ये फ्रॉड हो सकता है.

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दरअसल हीरे की कीमत का कोई सबूत नहीं होता है यानी व्यापारी अपने हिसाब से उसे तय करते हैं और इसी वजह से बैंकों के साथ मिलकर घोटाले की संभावना बढ़ जाती है.