दिल्ली की जहरीली हवा और लगातार बिगड़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को लेकर समाजसेवी और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने एक बार फिर सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रदूषण पर केवल बयानबाजी नहीं बल्कि जवाबदेही तय की जाए. इसके लिए बेदी ने सरकार से एक विस्तृत वाइट पेपर (White Paper) जारी करने की अपील की है, ताकि यह साफ हो सके कि इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है और आगे समाधान कैसे होगा.

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वाइट पेपर की मांग: ‘पहले पता चले कि गलती कहां हुई’एक विस्तृत पोस्ट में किरण बेदी ने सुझाव दिया कि यह वाइट पेपर दो हिस्सों में तैयार होना चाहिए. पहला हिस्सा बताए कि दिल्ली की हवा आज इस हाल में कैसे पहुंची, पिछले वर्षों में क्या गलतियां हुईं और किस संस्था ने अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभाई. उन्होंने लिखा-'वाइट पेपर में यह दर्ज होना चाहिए कि मौजूदा संकट का कारण क्या है? कौन और क्या हमें इस स्थिति तक लेकर आया?' पोस्ट के दूसरे हिस्से में बेदी ने कहा कि सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि अब आगे क्या कदम उठाए जाएंगे. इसमें तुरंत लागू होने वाले कदम, अल्पकालिक योजना, दीर्घकालिक समाधान होना चाहिए. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हर विभाग, संस्था और नागरिक की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. उन्होंने शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाने के साथ सख्त एन्फोर्समेंट की भी मांग की.

दिल्ली की हालत पर झलका किरण बेदी का दर्दइससे पहले किरण बेदी ने दिल्ली की हालत देखकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपना दर्द व्यक्त किया था. उन्होंने कहा था, 'मैं यह नहीं देख सकती कि दिल्ली घुट रही है. मैंने अपना पूरा जीवन इस शहर को दिया है और आज इसे इस हालत में देखना दुखद है.' उन्होंने कहा कि वह वर्षों से दिल्ली की लगातार गिरती हालत को देख रही हैं और अब स्थिति गंभीर हो चुकी है.

PM मोदी से अपीलअपने संदेश में बेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वे हर महीने दिल्ली और उसके आसपास वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों व मुख्य सचिवों के साथ वर्चुअल बैठक करें. उन्होंने लिखा-'अगर यह आपकी निगरानी में होगा तो लोगों को भरोसा मिलेगा कि समस्या हल की जा रही है.'

दिल्ली का हाल अब भी खराबदिल्ली में पिछले दो हफ्तों से AQI ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच बना हुआ है. एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के अनुसार आने वाले दिनों में भी हालात में सुधार की उम्मीद कम है.