केरल के गुरुवायुर नगर पालिका में हाल ही में अनावरण की गई गांधी प्रतिमा को देखकर स्थानीय निवासी दंग रह गए. नगर पालिका के बायो पार्क में अनावरण की गई इस प्रतिमा में महात्मा गांधी को लेकर कोई समानता नहीं दिखी. गांधी की इस प्रतिमा में न ही उनके विशिष्ट चश्मे, न ही छड़ी और न ही चेहरे में कोई समानता है.

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पिछले कई दिनों से गुरुवायुर नगर पालिका के बायो पार्क में गांधीजी की प्रतिमा लगाने का काम चल रहा था. सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को जब गांधी प्रतिमा का अनावरण हुआ, तो स्थानीय लोग और समारोह में मौजूद लोग इसे देखकर दंग रह गए. जाहिर है कि इससे पहले किसी ने भी महात्मा गांधी की ऐसी प्रतिमा नहीं देखी होगी. त्रिशूर बीजेपी के उत्तर जिला समिति सदस्य सुमेश कुमार और स्थानीय लोगों ने कहा कि सिर्फ चश्मा और लाठी जोड़ देने से कोई गांधी नहीं बन जाता.

महात्मा गांधी से बहुत कम मिलती-जुलती है ये प्रतिमास्थानीय लोगों ने चिंता जताई है कि यह प्रतिमा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक महात्मा गांधी से बहुत कम मिलती-जुलती है. कई लोग इस बात पर बहस कर रहे हैं कि क्या यह प्रतिमा वास्तव में राष्ट्रपिता का प्रतिनिधित्व करती है.

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नगरपालिका ने अपनी सफाई में क्या कहामहात्मा गांधी की इस प्रतिमा को लेकर विवाद होने के बावजूद गुरुवायूर नगरपालिका अध्यक्ष और आईएएस अधिकारी दिव्या एस. अय्यर ने संयुक्त रूप से प्रतिमा का अनावरण किया. विपक्षी दलों ने नगरपालिका पर महात्मा गांधी का अपमान करने का आरोप लगाया है. गांधी की इस प्रतिमा को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मच गया. स्थानीय लोग नगरपालिका के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.

नगरपालिका के स्पष्टीकरण के अनुसार, जब मूर्तिकार से मूर्ति के इस अजीबोगरीब स्वरूप के बारे में पूछा गया तो उसने कथित तौर पर कहा कि यह मूर्ति गांधी की विचारधारा के आधार पर बनाई थी. वहीं, नगरपालिका अध्यक्ष ने इन आरोपों का खंडन किया है कि ये गांधी का अपमान करने का प्रयास है.

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