केरल हाईकोर्ट ने सबरीमाला सोना चोरी मामले में साक्ष्यों का हवाला देते हुए माना कि स्पष्ट है कि इसके तार बड़ी साजिश से जुड़े हैं. कोर्ट ने एसआईटी को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने ही इस महीने की शुरुआत में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था और जांच पूरी करने के लिए छह हफ्ते का समय दिया था. साथ ही, उसे जांच की प्रगति से कोर्ट को अवगत कराने का भी निर्देश दिया था.

Continues below advertisement

मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) को एसआईटी प्रमुख बंद कमरे में अदालत में पेश हुए जहां उनसे जांच की प्रगति के बारे में पूछा गया. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, साक्ष्यों से पता चलता है कि सोने की चोरी के पीछे वास्तव में एक साजिश थी. ऐसा माना जा रहा है कि कोर्ट ने इस निष्कर्ष के बावजूद जांच को आगे न बढ़ाए जाने पर सवाल उठाया.

एसआईटी ने पुष्टि की कि सबरीमाला में सोने की चोरी योजना के अनुसार की गई थी. मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को स्थगित कर दी गई है. एसआईटी ने दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की हैं और 10 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी मुख्य आरोपी हैं.

Continues below advertisement

हाईकोर्ट को सौंपी गई जांच प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, विजय माल्या द्वारा 1998 में प्रदान की गई द्वारपालक मूर्तियों सहित, चढ़ावे में आए सोने के संबंध में गणना के आधार पर चोरी की योजना सावधानीपूर्वक बनाई गई थी. कथित तौर पर आरोपियों का मानना ​​था कि सोने की जगह रंगी हुई प्रतिकृतियां लगाने से पहचान नहीं हो पाएगी.

एसआईटी ने अदालत को बताया कि उन्नीकृष्णन पोट्टी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे भी गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है. इस बीच, उन्नीकृष्णन पोट्टी के दोस्त अनंत सुब्रमण्यम से 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ करने के बाद एसआईटी को सोमवार देर रात छोड़ दिया गया और उन्हें एक नोटिस भी दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर उन्हें फिर से पेश होना होगा.

2019 में, सुब्रमण्यम ने कथित तौर पर सोने से मढ़ी द्वारपालक मूर्तियों को सबरीमाला से बेंगलुरु पहुंचाया था. जांचकर्ता नागेश और कल्पेश सहित अन्य संदिग्धों को भी इस मामले का आरोपी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. एसआईटी अब बोर्ड के उन दो अधिकारियों को तलब करने की तैयारी में है और जिनका नाम आरोपियों की सूची में आने के बाद निलंबित कर दिया गया है.