Kerala Governor News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार (28 फरवरी) को केरल लोकायुक्त अधिनियम संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा था. यह कदम राज्यपाल के साथ चल रहे विवाद में राज्य सरकार के लिए एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. विधानसभा ने अगस्त 2022 में लोकायुक्त संशोधन विधेयक पारित किया था. यह संशोधन लोकायुक्त की शक्तियों को कथित तौर पर कम करता है.


'संशोधन को राज्यपाल ने बताया था असंवैधानिक'


राज्यपाल ने लोकायुक्त बिल में संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए बिल पर हस्ताक्षर करने में देरी की थी. राज्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद खान ने नवंबर 2023 में राष्ट्रपति को सात बिल भेजे थे. सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार की उस याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी देने में अनावश्यक देरी का हवाला दिया गया था. कोर्ट ने अनावश्यक देरी पर नाराजगी जताई थी. इसके बाद राज्यपाल ने विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेज दिया था.
 
मुख्यमंत्री ने उठाए थे‌ सवाल


मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने राज्यपाल के इस फैसले पर सवाल खड़ा किया था. उन्होंने कहा था कि राज्यपाल के इस फैसले पर यह संदेह होता है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं या नहीं. विजयन ने कहा, ”इस प्रकार का संदेह होना लाजमी है कि राज्यपाल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं या नहीं.” 


राजभवन ने कहा था, ”राज्यपाल ने महत्वपूर्ण जन स्वास्थ्य विधेयक को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी जबकि सात विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया है, जिसमें विवादास्पद विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक भी शामिल है.” बाद में राज्यपाल ने बताया था कि केरल का लोकायुक्त संशोधन बिल लोकायुक्त की शक्तियों को कम करने वाला है. इसलिए उसे मंजूरी नहीं दी जा सकती. गवर्नर के इस फैसले पर राज्य सरकार ने दी तिखी नाराजगी जतायी थी.


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