नई दिल्ली: पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे के आधारशिला कार्यक्रम में भारत की तरफ से कौन-कौन जाएंगे इसपर संशय बरकरार है. संशय इसलिए है क्योंकि भारत ,पाकिस्तान को दुश्मन देश मानता है. इसकी बड़ी वजह है कि भारतीय क्षेत्रों में आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसी आतंकी हमलों की दुहाई देते हुए कहा है कि वह पाकिस्तान नहीं जाएंगे. वहीं उनकी सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने गेंद विदेश मंत्रालय के पाले में डाल दिया है. उन्होंने कहा है कि मैं पाकिस्तान जाने के लिए उत्साहित हूं, हमने विदेश मंत्रालय से अनुमति मांगी है.

सवाल उठ रहे हैं कि अगर अमरिंदर सिंह पाकिस्तान पर आतंकवाद का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं तो सिद्धू कैसे पड़ोसी देश का दौरा करेंगे. दरअसल, सिद्धू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की दोस्ती काफी पुरानी है. कांग्रेस नेता सिद्धू ने इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में भी शिरकत की थी. दौरे पर विवाद के बाद सिद्धू ने दावा किया था कि उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए अनुरोध किया था.

अमरिंदर सिंह ने क्या कहा?

अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को एक पत्र लिख कर कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है लेकिन उन्होंने आ पाने में असमर्थता जताई. उन्होंने कहा कि न्योता स्वीकार नहीं करने के दो कारण हैं, ‘‘पहला कारण यह है कि कोई भी ऐसा दिन नहीं है जब जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिक मारे नहीं जाते या घायल नहीं होते. स्थिति सामान्य करने की राह पर बढ़ने की बजाए ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं.’’ मुख्यमंत्री ने इनकार का दूसरा कारण गिनाते हुए दावा किया कि पकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पंजाब में अपनी नापाक गतिविधियां शुरू कर दी हैं. उन्होंने दावा किया, ‘‘मार्च 2017 से राज्य में आईएसआई के 19 माड्यूल को निष्क्रिय किया गया, 81 आतंकवादियों को पकड़ा गया और 79 हथियार, पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में बने एचजी-84 टाइप के अनेक ग्रेनेड और कुछ आईईडी बरामद किए गए हैं.’’ सिद्धू ने कही ये बात

नवजोत सिंह सिद्धू ने आज एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि करतारपुर कॉरिडोर पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा है कि मेरे दोस्त ने बुलाया है तो मैं पाकिस्तान जरूर जाऊंगा. सिद्धू ने कहा कि इमरान खान ने करतारपुर कॉरिडोर पर फैसला लेकर 12 करोड़ सिखों को दिल जीता है. पाकिस्तान देर आया, दुरुस्त आया.

दो मंत्री करेंगे शिरकत अकाली नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल व बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री एचएस पुरी पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे की आधारशिला कार्यक्रम में हिस्सा लेने पाक जायेंगे. हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त होने की वजह से पाकिस्तान नहीं जाने का फैसला किया है. पाकिस्तान में 28 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सभी को आमंत्रित किया है.

कुरैशी को लिखे पत्र में सुषमा ने पाकिस्तान आने का न्यौता देने के लिये उनका धन्यवाद किया और कहा कि तेलंगाना में चुनाव प्रचार अभियानों को लेकर अपनी पहले की प्रतिबद्धताओं के चलते वह करतारपुर साहिब नहीं आ सकतीं, लेकिन इस कार्यक्रम में हरसिमरत कौर बादल और पुरी भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

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उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नियत तिथि पर करतारपुर साहिब आने में मैं असमर्थ हूं. लेकिन मेरे माननीय साथी हरसिमरत कौर बादल और एच एस पुरी भारत सरकार की ओर से प्रतिनिधित्व करेंगे.’’

सुषमा ने उम्मीद जतायी कि पाकिस्तान सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस गलियारे का निर्माण जल्द हो ताकि ‘‘हमारे नागरिक जल्दी से जल्दी इस गलियारे का इस्तेमाल कर गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में दर्शन कर सकें.’’

भारत के सीमांत जिले गुरदासपुर को पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरूद्वारे से जोड़ने के लिए एक धार्मिक गलियारे का निर्माण सिख समुदाय की पुरानी मांग थी जो कि अब पूरी हो सकती है क्योंकि दोनों देशों ने अपने अपने क्षेत्रों में इसके हिस्सों को विकसित करने की घोषणा की है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 28 नवम्बर को पाकिस्तान में इससे संबंधित सुविधाओं के निर्माण की आधारशिला रखेंगे.

भारत की कैबिनेट ने पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने के लिए गुरूवार को पंजाब के गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक गलियारे के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.