Honey Trap Row: कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार (21 मार्च) को हनीट्रैप मामले पर ऐसा हंगामा मचा कि सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. यहां भाजपा विधायकों ने सदन के वेल में घुसकर सीडियां लहराईं और स्पीकर की कुर्सी के सामने कागज फाड़कर फेंके.
दरअसल, कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने गुरुवार को खुलासा किया था कि उन्हें हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई थी. उन्होंने यह भी कहा था कि कर्नाटक के कई विधायकों और सांसदों को इस जाल में फंसाया गया है. राजन्ना के इसी बयान पर विपक्षी पार्टी के विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा में खूब हल्ला मचाया.
भाजपा विधायकों ने इस दौरान खूब नारेबाजी की. उन्होंने सीडियां लहराते हुए कहा कि उनके पास हनीट्रैप के सबूत हैं. इस दौरान कुछ विधायकों ने सीएम सिद्धारमैया से यह तक पूछा कि आपकी सरकार ने हनी ट्रैप में विपक्षी पार्टियों के नेताओं को फंसाने के लिए कितना बजट रखा है.
'जांच बैठा दी गई है, और क्या चाहिए?'सीएम सिद्धारमैया ने इस दौरान हंगामे को शांत करने की बहुत कोशिश की. उन्होंने कहा, 'इस मामले में किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा. सबके अधिकारों की रक्षा की जाएगी. चाहे वो किसी भी दल के विधायक हों, निर्दलीय हों या फिर आम जनता हो सबको न्याय देना सरकार की जिम्मेदारी है.' हालांकि सिद्धारमैया के बोलने के बावजूद हल्ला जारी रहा. इस पर सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि गृह मंत्री डॉ. परमेश्वर सदन में कह चुके हैं कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच बैठा दी गई है, इससे ज्यादा आप लोगों को और क्या चाहिए.
'हनीट्रेैप के पीछे हैं एजेंडा'भाजपा विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने इस मामले पर कहा, 'यह किसी एक पार्टी का मुद्दा नहीं है, यह लोगों के लिए काम करने वाले विधायकों के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश है और कुछ लोग अपने छिपे हुए एजेंडे के साथ ऐसा (हनीट्रैप) करवा रहे हैं.'