Karnataka Politics: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली ने सोमवार (30 अक्टूबर 2023) को कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार महाराष्ट्र की तरह गिर सकती है. हालांकि, उन्होंने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सरकार को गिराने के लिए बीजेपी 2019 जैसे ‘ऑपरेशन लोटस’ में जुटी हुई है.


उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस नीत सरकार को किसी बाहरी के बजाय अंदर से खतरा है और सरकार के गिरने के लिए ‘उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार एंड कंपनी’ जिम्मेदार होगी. उन्होंने कांग्रेस के इस आरोप को खारिज कर दिया कि 2019 में जनता दल (सेक्युलर)-कांग्रेस गठबंधन सरकार को गिराने वाले एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को रिश्वत की पेशकश कर रहे हैं.


बीजेपी ने नहीं की ऑपरेशन लोटस की बात 
जारकीहोली, पूर्व में कांग्रेस से जुड़े थे और चार साल पहले गठबंधन सरकार के गिरने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका देखी गई थी. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कभी भी ‘ऑपरेशन लोटस' के बारे में बात नहीं की है’, इसके बजाय, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की ‘‘ड्रामा कंपनी’’ इस बारे में बात कर रही है.


जारकीहोली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह डी के शिवकुमार की ड्रामा कंपनी है, जो ‘ऑपरेशन लोटस’ और 50 करोड़ रुपये की रिश्वत के बारे में बात कर रही है. हम बीजेपी के लोग कभी भी ‘ऑपरेशन लोटस’ के बारे में बात नहीं करते हैं और न ही ऐसा करेंगे.’’


कांग्रेस का गढ़ा शब्द है ऑपरेशन लोटस
‘ऑपरेशन लोटस’, कांग्रेस का गढ़ा हुआ शब्द है, जो निर्वाचित सरकार को गिराने की बीजेपी की कथित साजिश को संदर्भित करता है. जारकीहोली ने कहा, ‘‘जब तक डी के शिवकुमार राजनीति में हैं, यह सरकार खतरे में है. विपक्ष में रहने पर वह अलग व्यवहार करते हैं और जब सत्ता में होते हैं, तो अलग व्यवहार करते हैं.’’


उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास जो जानकारी है, वह यह कि डी के शिवकुमार की बेलगावी कंपनी के कारण यह सरकार गिर जाएगी. अगर यह गिरी, तो ऐसा महाराष्ट्र की तरह ही होगा. ऐसा हो सकता है.’’


डीके शिवकुमार की तानाशाही के खिलाफ की थी बगावत
जारकीहोली ने कहा, हमने डी के शिवकुमार की तानाशाही प्रवृत्ति के कारण बगावत करते हुए सरकार गिरा दी. हम कभी भी सिद्धरमैया या मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ नहीं थे. हमने डी के शिवकुमार का विरोध किया. आज डी के शिवकुमार के समर्थक जो भी कहें, लेकिन उनके दावों का कोई आधार नहीं है.


मांड्या के विधायक और शिवकुमार के वफादार रवि गौड़ा (गनिगा) ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि जिन लोगों ने अतीत में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की थी, वे एक बार फिर मौजूदा सरकार को गिराने की कोशिश में सक्रिय हैं.


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