कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल या नेतृत्व परिवर्तन के बारे में कांग्रेस आलाकमान से अब तक कोई संकेत नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि ऐसी अटकलों और भ्रम पर विराम लगना चाहिए और प्रशासन पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए.

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दलित समुदाय से आने वाले वरिष्ठ नेता और मंत्री के. एच. मुनियप्पा को मुख्यमंत्री बनाने की मांग के बीच, उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो वह इसका स्वागत करेंगे, क्योंकि वह भी उसी 'उत्पीड़ित समुदाय' से आते हैं, लेकिन आखिर में इस मामले पर फैसला आलाकमान को करना है.

मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों पर बोले परमेश्वर 

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नवंबर में, कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने पर राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसे कुछ लोग 'नवंबर क्रांति' बता रहे हैं. इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में परमेश्वर ने कहा, 'मुझे कुछ भी पता नहीं. हम आलाकमान के फैसले के बारे में कुछ नहीं कह सकते. देखते हैं कि वे क्या फैसला लेते हैं.'

उन्होंने कहा, 'मीडिया के सामने बेवजह बयान देने से और अधिक भ्रम की स्थिति पैदा होगी. क्या आलाकमान की ओर से अब तक किसी ने इस बारे में कुछ कहा है? हमें आलाकमान से कोई जानकारी नहीं मिली है.'

मुनियप्पा की दावेदारी को लेकर गृह मंत्री का बयान

उन्होंने कहा, ‘जब तक आलाकमान निर्णय नहीं ले लेता और हमें नहीं बता देता, हमारे किसी भी बयान का कोई महत्व नहीं होगा. आलाकमान हर चीज पर विचार करने के बाद निर्णय लेगा. आलाकमान की ओर से किसी ने भी मुझे अब तक इस बारे में कुछ बताया या संकेत नहीं दिया है.’

‘दलित मुख्यमंत्री’ बनाये जाने की मांग पर, जिसमें कुछ लोगों ने मुनियप्पा को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है, गृह मंत्री ने कहा कि अगर उन्हें (मुनियप्पा को) मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो उन्हें खुशी होगी, क्योंकि वह इसके काबिल हैं और वे दोनों एक ही समुदाय से हैं, जिसने लंबे समय तक उत्पीड़न का सामना किया है.

'बिहार चुनाव के बाद आलाकमान ले सकते हैं फैसला'

परमेश्वर ने कहा, ‘मुनियप्पा सात बार सांसद रहे हैं, यह कोई सामान्य बात नहीं है. वह वरिष्ठ हैं, केंद्र में मंत्री रहे हैं, अब राज्य में मंत्री हैं. वह योग्य हैं और उनके मुख्यमंत्री बनने में क्या गलत है? अगर मुनियप्पा को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो मुझे खुशी होगी. हम एक ही समुदाय से हैं. हमें खुशी होगी कि समुदाय को एक अवसर मिला है.'

उन्होंने कहा, 'जिस समुदाय ने लंबे समय तक उत्पीड़न का सामना किया है, अगर उसी समुदाय का कोई व्यक्ति प्रशासन का मुखिया बनता है तो क्या हमें खुशी नहीं होगी?’ हालांकि, उन्होंने कहा कि यह सब आलाकमान को तय करना है. बिहार चुनाव के बाद, वे विचार कर सकते हैं और जरूरत पड़ी तो वे ऐसा करेंगे.

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