कर्नाटक उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) को शहर के बुनियादी ढांचे की आलोचना को लेकर भाजपा और बेंगलुरु में उनके सांसदों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि देश में किसी भी अन्य सरकार ने नागरिकों को गड्ढों और कचरे जैसे नागरिक मुद्दों की सीधे शिकायत करने का अधिकार नहीं दिया है.

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उपमुख्यमंत्री ने बेंगलुरु में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा, 'क्या कोई अन्य सरकार है जो नागरिकों को गड्ढों या कचरे की तस्वीरें लेने और उन्हें कार्रवाई के लिए अधिकारियों को भेजने की अनुमति देती है? केवल मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में ही हमने ऐसी व्यवस्था लागू की है.'

भाजपा सांसद को बताया 'खाली बर्तन' 

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पिछली भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए शिवकुमार ने कहा कि हमारी सरकार पहले ही 10,000 से अधिक गड्ढे भर चुकी है, जबकि पिछली भाजपा सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि शहर में 20,000 गड्ढे हैं. 

कांग्रेस सरकार की आलोचना को लेकर उन्होंने कहा, 'विपक्ष ने सरकार के 113 किमी लंबे कॉरिडोर और शहर में सुरंग परियोजना विकसित करने के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं. एक भाजपा नेता पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कर्नाटक उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक सांसद 'खाली बर्तन' है, जो सिर्फ शोर मचाता और ट्वीट करता है.

कर्नाटक उपमुख्यमंत्री की भाजपा सांसदों को चुनौती

भाजपा सांसदों को चुनौती देते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'बेंगलुरु में 5 सांसद हैं, क्या उनमें से किसी ने भी इस शहर के लिए केंद्र से एक रुपया लाया है? निर्मला सीतारमण खुद एक केंद्रीय मंत्री हैं, क्या वे बेंगलुरु के लिए 10 रुपये भी लाने में कामयाब रही हैं? अगर उन्होंने ऐसा कर दिया तो आज जो भी सजा देंगे, मैं उसे स्वीकार करूंगा.'

भाजपा की लगातार आलोचना के बीच उपमुख्यमंत्री का बयान

बता दें कि राज्य सरकार पिछले कुछ समय से शहर में सड़कों की खराब स्थिति और यातायात संबंधी समस्याओं को लेकर आलोचनाओं के घेरे में है और इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई और शॉ जैसे उद्योग जगत के दिग्गजों ने बार-बार खुले तौर पर राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.

इन आलोचनाओं के बीच शिवकुमार ने हाल ही में उनसे आग्रह किया था कि वे शहर और राज्य की प्रतिष्ठा को आहत न करें जिन्होंने उनके विकास में योगदान दिया है. कर्नाटक उपमुख्यमंत्री की यह टिप्पणी बेंगलुरु की सड़कों की स्थिति और बुनियादी ढांचे के प्रबंधन को लेकर भाजपा की लगातार आलोचना के बीच आई है.

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