Lok Sabha Election 2024: कर्नाटक में कैबिनेट विस्तार के बाद अब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने सहित मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है. इस तरह राज्य में कैबिनेट पूर्ण हो गई है. सिद्धारमैया ने वित्त विभाग अपने पास रखा है. उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के पास प्रमुख व मध्यम सिंचाई और बेंगलुरु शहर का विकास का प्रभार है.


मगर, कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी को सिद्धारमैया कैबिनेट में नहीं शामिल किया गया है. लक्ष्मण सावदी कर्नाटक चुनाव में सबसे चर्चित नामों में से एक थे क्योंकि वो चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. माना जाता है कि सावदी ने कर्नाटक में कांग्रेस को 30-35 सीटों पर जीत सुनिश्चित करवाने में अहम भूमिका निभाई है.   


लिंगायतों का वोट कांग्रेस को मिला


कर्नाटक विभानसभा चुनाव से एन वक्त पहले लक्ष्मण सावदी का बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में जाना भगवा पार्टी को भारी नुकसान पहुंचा गया. सावदी लिंगायत समुदाय से आते हैं, जिससे लिंगायतों की एक बड़ी वोट संख्या कांग्रेस को मिली.


76 हजार से ज्यादा वोटों से जीते सावदी


लक्ष्मण सावदी के बाद, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और इनके साथी लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार भी बीजेपी से नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. हालांकि शेट्टार अपनी सीट हार गए, लेकिन उनके पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस को राज्य में लिंगायत वोटों को अपने पक्ष में करने में मदद मिली. लक्ष्मण सावदी ने अथानी विधानसभा सीट से 76 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है, इसके बावजूद उन्हें कर्नाटक में मंत्री पद नहीं दिया गया. 


इस कारण आलाकमान ने नाम खारिज किया


दरअसल, माना जा रहा है कि लक्ष्मण सावदी का नाम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच दलबदलुओं को मंत्री बनाए जाने के कारण हटा दिया गया. हासन जिले के अरासिकेरे सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीते पूर्व जेडीएस नेता के केएम शिवलिंगगौड़ा ने मांग की थी कि उन्हें भी मंत्री बनाया जाए, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने इसे खारिज कर दिया. इसे संतुलित करने के लिए कांग्रेस ने लक्षमण सावदी का नाम भी मंत्री हटा दिया.


30-35 सीटों पर कांग्रेस की जीत में भूमिका


कांग्रेस के एक टॉप लिंगायत नेता ने कांग्रेस के इस कदम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सावदी और गौड़ा के बीच कोई तुलना नहीं है. "सावदी एक बहुत बड़े नेता हैं और उन्होंने लगभग सभी उप-जाति गनिगा वोट प्राप्त करके 30-35 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की मदद की है. इसने राज्य के परिणाम बदल दिए हैं और हमने बड़ी जीत हासिल की है."


दोनों में तुलना कहां है?


कांग्रेस नेता ने कहा, "गौड़ा ने सिर्फ अपनी सीट जीती है. कांग्रेस हासन जिले की कोई अन्य सीट नहीं जीत सकी. दोनों में तुलना कहां है? गौड़ा का सावदी से कोई मुकाबला नहीं है. हम दृढ़ता से महसूस करते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव और स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए सावदी को शामिल किया जाना चाहिए था."


बता दें कि कर्नाटक की कुल 28 लोकसभा सीटों में से 14 सीटों पर लिंगायत वोट अहम भूमिका निभाते हैं. ऐसे में लक्ष्मण सावदी लिंगायत वोटों को कांग्रेस के साथ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं.


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