कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने आंध्र प्रदेश के अधिकारियों के साथ संयुक्त अभियान में एक बड़े महिला भ्रूणहत्या गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गुप्त सूचना के आधार पर 2 सितंबर को कुर्नूल जिले के कोडुमूर स्थित बाशा नर्सिंग होम में एक डिकॉय ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें एजेंटों को गैर कानूनी लिंग निर्धारण करते रंगे हुए हाथों पकड़ लिया गया.

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बता दें कि ये मामला तब सामने आया, जब मंड्या जिले के मलवल्ली की एक 30 वर्षीय महिला जो पहले से तीन बेटियों की मां है, उसके भ्रूण की हत्या कराने की योजना बनाई जा रही थी. नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान जब आशा कार्यकर्ताओं को संदेह हुआ तो पूछताछ की गई, महिला ने तब एजेंटों के बारे में जानकारी दी.

स्टिंग ऑपरेशन से सच्चाई आई सामनेस्टिंग ऑपरेशन में सीतम्मा नामक एजेंट ने 7,500 रुपये में अल्ट्रासाउंड कराने की डील की और यहां तक कि 20,000 रुपये में अवैध गर्भपात कराने की पेशकश भी की गई. अधिकारियों ने पहले से चिह्नित नोट देकर लेन-देन की पुष्टि की. सीतम्मा ने यह भी बताया कि गर्भपात कराने के लिए गूंटकल के एक आरएमपी डॉक्टर को शामिल करने की योजना है.

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स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि महिला भ्रूण हत्या एक सामाजिक अभिशाप है. समाज को जागरूक होकर इसे पूरी तरह समाप्त करना होगा.

स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहास्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गैर कानूनी भ्रूण हत्या गिरोह को लेकर हमारी सरकार पूरी तरह सतर्क है. कुछ डॉक्टर और एजेंट मिलकर अपना नेटवर्क चलाते हैं. उनका संगठित ऑपरेशन होता है. इसे देखते हुए मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में पूरी सतर्कता बरतें और सख्त से सख्त कार्रवाई करें.

फिलहाल ये मामला आगे की जांच के लिए आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को सौंप दिया गया है. यह कार्रवाई अब PCPNDT Act के तहत की जाएगी.

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