BJP Meeting: बीजेपी के विधायकों का कहना है कि कांग्रेस के चुनावी वादों, आंतरिक आरक्षण, नकारात्मक विमर्श के कारण कर्नाटक के हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार हुई. बीजेपी की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने 16वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित बीजेपी विधायकों की बेंगलुरु में बैठक बुलाई थी.


मीटिंग में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नौ साल की सरकार की उपलब्धियों को हर घर तक पहुंचाने और राज्य की सभी 28 लोकसभा सीटों पर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने का भी फैसला किया गया.  बीजेपी ने 2019 में कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से 25 पर जीत हासिल की थी. 


बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सी. टी रवि ने कहा, ‘'बैठक में, राज्य के लोगों की सेवा के लिए नयी सरकार को सभी आवश्यक सहयोग देकर एक रचनात्मक विपक्ष के रूप में काम करने के वास्ते विधायकों में विश्वास पैदा करने का प्रयास किया गया. मीटिंग के बाद उन्होंने कहा, ‘‘यदि सरकार जनविरोधी गतिविधियों में लिप्त होती है, अगर वह एक छिपे हुए एजेंडे के साथ राज्य के लिए नुकसानदायक निर्णय लेती है, तो इसका विरोध करने का फैसला किया गया.’’ 


बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, बसवराज बोम्मई और सदानंद गौड़ा, कर्नाटक के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया.  पार्टी महासचिव रवि ने कहा कि राज्य की राजनीतिक स्थिति का भी विश्लेषण बैठक में किया गया।. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में 1985 के बाद से किसी भी सत्तारूढ़ दल ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल नहीं की है.


कर्नाटक चुनाव बीजेपी क्यों हारी?
सी. टी रवि ने कहा कि ऐसा लगता है कि पिछले चार दशकों में कर्नाटक में पांच साल में एक बार सरकार बदलने का स्वाभाविक चलन शुरू हो गया है, इसके बावजूद हमने 36 फीसदी वोट हासिल किए हैं, हमें 2018 के समान मत मिले, लेकिन हम सीट हासिल करने में पिछड़ गये. रवि ने कहा कि आंतरिक आरक्षण, कांग्रेस के चुनावी वादों और नकारात्मक विमर्श कर्नाटक में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के हार के कारण बने.


उन्होंने कहा कि भाजपा नतीजों से हिम्मत नहीं हारेगी और निश्चित रूप से वापसी करेगी, जैसा कि उसने पहले भी किया है. उन्होंने कहा कि हमारी भूमिका भले ही बदल गई हो, लेकिन समाज की सेवा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता नहीं बदली है और पार्टी उस दिशा में काम करती रहेगी.


ये भी पढ़ें- Bajrand Dal Ban: कर्नाटक में बजरंग दल पर क्या बैन लगाएगी सिद्धारमैया सरकार? कांग्रेस ने साफ कर दिया रुख