Congress Karnataka leadership Row: कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के बीच नेतृत्व को लेकर फिर से उठ रहे सवालों के बीच शनिवार को शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस हाई कमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाने के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि जब हाई कमान बुलाएगा तो दोनों दिल्ली जाकर उनसे मुलाकात करेंगे.

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शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं आपको सूचना दूंगा, मैं बिना बताए कोई कदम नहीं उठाऊंगा. मैं आपसे छिपकर कहीं नहीं जाऊंगा.' यह बयान उन्होंने विधान सभा सत्र के बाद दिल्ली जाने की संभावना पर पूछे जाने पर दिया. जब उनसे पूछा गया कि क्या हाई कमान ने उन्हें और मुख्यमंत्री को दिल्ली आने के लिए आमंत्रित किया है, शिवकुमार ने कहा, 'हाई कमान ने हम दोनों को फोन पर बताया है कि कब बुलाएंगे. हम दोनों जायेंगे. उन्होंने कहा है कि वे उचित समय पर हमें बुलाएंगे, हम उस कॉल का इंतजार करेंगे.'

सिद्धारमैया ने किया था बड़ा दावा

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शिवकुमार के बयान से एक दिन पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में कहा था कि वे अपने पद पर बने रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हाई कमान उनके पक्ष में है और यह तय नहीं हुआ है कि वे केवल ढाई वर्ष ही मुख्यमंत्री रहेंगे, जैसा कि 2023 में उनके और शिवकुमार के बीच सत्ता साझा करने के कथित समझौते की अफवाह थी. शिवकुमार ने शुक्रवार को कहा था कि हाई कमान की भागीदारी से उन्होंने और सिद्धारमैया ने एक समझौता किया है और दोनों उसके पालन करेंगे.

कांग्रेस के बीच है अंदरूनी संघर्ष 

राज्य में सत्ता संघर्ष तब और तेज हो गया है जब कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने पांच साल के कार्यकाल का मध्य चरण पूरा किया. 2023 में सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच हुए सत्ता साझा समझौते के कारण मुख्यमंत्री बदलने की अफवाहें तेज हो गईं. इसी बीच शनिवार को कुछ नागा साधु शिवकुमार के निवास पर पहुंचे और उन्हें आशीर्वाद दिया.

एक अहम विकास में शिवकुमार शनिवार को पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक के. एन. राजन्ना से एक निजी गेस्ट हाउस में मिले, जिन्हें सिद्धारमैया का करीबी माना जाता है. इससे पहले शिवकुमार ने सिद्धारमैया के सहयोगी नेताओं जैसे मंत्रियों सतीश जरकीहोली, जी. परमेश्वर और के. जे. जॉर्ज से भी मुलाकात की थी.

राजन्ना का मिलना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने स्पष्ट कहा है कि सिद्धारमैया को पूरे पांच वर्ष मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए क्योंकि उन्हें पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया था. उनका कहना है कि शिवकुमार 2028 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर मुख्यमंत्री बन सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यदि शिवकुमार मुख्यमंत्री बने तो वे उनके मंत्रिमंडल में मंत्री नहीं होंगे.

राजन्ना ने राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद में बदलाव की भी मांग की है, जो वर्तमान में शिवकुमार के पास है, और राज्य में तीन और उप मुख्यमंत्री नियुक्त करने की भी बात कही है. राजन्ना, जो सहकारी मंत्री थे, इस वर्ष पहले ही कांग्रेस हाई कमान के निर्देश पर मंत्रिमंडल से हटा दिए गए थे. कहा जाता है कि उनके कुछ बयानों, विशेष रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मत चोरी के आरोपों पर दिए बयान, इसके पीछे कारण थे.

दिल्ली दौरे को लेकर कही ये बात

शिवकुमार ने कहा कि वे मंगलवार को दिल्ली जा रहे हैं और कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करेंगे. वह जल संसाधन मंत्री भी हैं और बताया कि केंद्र सरकार के जल संसाधन विभाग ने राज्य की परियोजनाओं महादायी, कृष्णा पानी पुरस्कार, मेकेदातु और अपर भद्रा  पर बैठक बुलायी है. उन्होंने कहा कि वे केंद्रीय जल संसाधन मंत्री, वन मंत्री और शहरी विकास मंत्री से भी मुलाकात करेंगे. हम कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे. हम चाहते थे कि राज्य के सांसदों के साथ जायें, लेकिन मैं जाऊंगा और यदि आवश्यक हुआ तो प्रधानमंत्री से भी मिलूंगा.