Supreme Court Judges: केंद्र ने बुधवार (12 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में जस्टिस उज्ज्वल भुइयां (Ujjal Bhuyan) और एसवी भट्टी (SV Bhatti) की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की. इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और एसवी भट्टी को सुप्रीम कोर्ट का जज (Judge) नियुक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने पिछले हफ्ते उनकी पदोन्नति की सिफारिश की थी. 


केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दोनों जजों की नियुक्ति की जानकारी देते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि भारत के संविधान की ओर से प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और एसवी भट्टी को सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में नियुक्त किया है. 


जानिए दोनों नए जजों के बारे में


जस्टिस उज्ज्वल भुइयां वर्तमान में तेलंगाना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं और जस्टिस भट्टी केरल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं. इस समय सुप्रीम कोर्ट में कुल 30 जज हैं. चार जजों के पद खाली हैं. दो नए जजों की नियुक्ति के बाद यह संख्या 32 हो जाएगी.






जस्टिस भुइयां को लेकर कॉलेजियम की राय


कॉलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया है कि हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान जस्टिस भुइयां ने कानून के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुभव हासिल किया है. उन्होंने कराधान के कानून में विशेषज्ञता हासिल कर ली है. उन्होंने बंबई हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में भी काम किया है और कराधान सहित कई मामलों को निपटाया है. जस्टिस उज्ज्वल भुइयां को अक्टूबर 2011 में गौहाटी हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. 


जस्टिस भट्टी को लेकर कॉलेजियम ने क्या कहा?


जस्टिस एसवी भट्टी को लेकर कॉलेजियम ने कहा कि आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश और केरल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान जस्टिस भट्टी ने कानून की विभिन्न शाखाओं में काफी अनुभव हासिल किया है. उनके द्वारा लिखे गए निर्णय उनकी कानूनी कौशल और क्षमता की गवाही देते हैं. उनकी अच्छी प्रतिष्ठा है और उनमें सत्यनिष्ठा और योग्यता है. 


न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी को 12 अप्रैल 2013 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. मार्च 2019 में उन्हें केरल हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया और वर्तमान में 1 जून 2023 से वह वहां मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं.


ये भी पढ़ें- 


'20 करोड़ से अधिक मुस्लिम भाई-बहन...', राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अल-इस्सा से मुलाकात के दौरान और क्या कुछ कहा?