नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल लिया है. एक दिन पहले ही उन्हें इस पद के लिए नियुक्त किया गया था. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय नियुक्ति समिति ने इनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी थी.  


इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू थे. वह पिछले साल दिसंबर में इसके अध्यक्ष पद से रिटायर हो गए थे. तब से एनएचआरसी में अध्यक्ष का पद खाली था. इस पद के लिए तीन पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को भी शॉर्टलिस्ट किया गया था. लेकिन समिति ने जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा को चुना. चयन समिति में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे.


खड़गे ने एनएचआरसी के अध्यक्ष, सदस्यों के चयन की प्रक्रिया से खुद को अलग किया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष और सदस्यों के चयन की प्रक्रिया से खुद को अलग किए जाने की बात कही थी. खड़गे ने अपने पत्र में कहा था, ' मैंने बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचारों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी. साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों से संबंधित कम से कम एक व्यक्ति को नियमों के तहत आयोग का अध्यक्ष या सदस्य नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव किया था.'


कांग्रेस नेता ने प्रस्ताव रखा था कि यदि फिलहाल यह संभव नहीं है तो नियुक्ति समिति की बैठक को एक सप्ताह के लिए टाला जा सकता है और बाद में इन वर्गों के उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित किए जा सकते हैं. खड़गे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि समिति ने उनके एक भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है, ऐसे में वह खुद को इस प्रक्रिया से अलग करते हैं.


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