JNU Controversy: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की दीवारों पर लिखे गए विवादित जातिसूचक नारे को लेकर कई दिनों से विश्वविद्यालय में घमासान मचा हुआ है. इस पूरे मामले पर जेएनयू की वीसी संत श्री धूलिपुडी पंडित ने सोमवार को कहा कि परिसर के अंदर लिखे गए जातिसूचक नारे में बाहरी लोग भी शामिल हो सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच चल रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 


समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कुलपति ने कहा कि जेएनयू सभी के लिए एक समान है. कोई भी इसका इस्तेमाल किसी भी समूह के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए नहीं कर सकता है. यह घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने बताया कि हमारी जानकारी में आया है कि बाहरी लोगों ने आकर ऐसा किया है. हम सोच रहे हैं कि हम कैसे एहतियाती कदम उठा सकते हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों. कुलपति ने कहा कि हमने मामले को गंभीरता से लिया और 24 घंटे के भीतर दीवारों पर सफेदी कर दी गई. 


बता दें कि घटना के बाद जेएनयू प्रशासन ने कैम्पस के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दे दिया है. इसके साथ ही एक एडवाइजरी में विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि कैंपस में केवल एक एंट्री और एग्जिट प्वॉइंट होगा.


वाइस चांसलर ने मांगी थी रिपोर्ट 


इससे पहले सोशल मीडिया पर 2 तरह की तस्वीरें सामने आई. एक तस्वीर जेएनयू के "लैंग्वेज लिट्रेचर एंड कल्चर स्टडीज" और दूसरी तस्वीर "स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज" की बताई जा रही थी. इस मामले को लेकर जेएनयू कुलपति ने संज्ञान में लिया और एक पत्र जारी किया था. इसके साथ ही वाइस चांसलर ने रिपोर्ट भी मांगी थी.


यह था मामला 


बता दें कि, जेएनयू के 'स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- द्वितीय’ की बिल्डिंग की दीवारों पर विशेष जातिसूचक और समुदाय सूचक नारे लिखे मिले थे, जिसमें उनको देश छोड़ने के लिए कहा गया था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा था. इसको लेकर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रयाएं दीं. बवाल बढ़ता देख प्रशासन ने कहा कि परिसर में मौजूदा सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एडवायजरी जारी की गई.


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