JNU Webinar Controversy: दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (JNU) का विवादों से पुराना नाता रहा है. शुक्रवार को जेएनयू में एक बार फिर आपत्तिजनक शब्द को लेकर विवाद खड़ा हो गया जिसके बाद कश्मीर पर होने वाली वेबिनार को रद्द कर दिया गया. दरअसल ये कार्यक्रम सेंटर फॉर विमन स्टडीज की ओर से आयोजित की गई थी जिसमें लेखक अतहर जिया बोलने बोलने वाले थे लेकिन विवाद और बढ़ता उससे पहले ही कार्यक्रम को रद्द कर दिया. 


क्या है ये पूरा मामला?


जेएनयू में 29 अक्टूबर को रात 8:30 बजे सेंटर फॉर वूमंस स्टडीज द्वारा एक वेबीनार का आयोजन किया गया था. कश्मीर पर आधारित इस कार्यक्रम की सूचना में एक लाइन लिखा गया था "Indian occupation in Kashmir" इन शब्द को लेकर विवाद शुरू हो गया और एबीवीपी के छात्रों ने इस कार्यक्रम का जमकर विरोध किया.  इसके अलावा जेएनयूएसयू और लेफ्ट समर्थक छात्रों ने त्रिपुरा विवाद पर रात को एक प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला. आखिर में इस कार्यक्रम की सूचना जेएनयू प्रशासन को लगी. प्रशासन ने अविलंब इस कार्यक्रम को शुरू होने से पहले ही रद्द कर दिया और इसकी जांच के आदेश दिए.


वेबिनार से संबंधित नोटिस


शुक्रवार को वेबिनार से संबंधित एक नोटिस लगाया गया था इसमें लिखा गया कि ये वार्ता कश्मीर में लैंगिक आधार पर हुए विरोध के इतिहास की ओर ध्यान खींचेगी. साल 2019 के बाद कश्मीर में पैदा हुई नई चुनौतियों और वहां की महिलाओं और आम लोगों पर हुए प्रभाव पर भी चर्चा होगी. वेबिनार के नोटिस में कहा गया कि यह कार्यक्रम कश्मीर में भारतीय कब्जे के बारे में ध्यानाकर्षण और उसके खिलाफ महिला प्रतिरोध की रूपरेखा तैयार करेगा. जेएनयू प्रशासन ने कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ विषय था. ये विषय हमारे देश की संप्रुभता और अखंडता पर सवाल खड़ा करता है. जेएनयू प्रशासन ने कहा है कि जेएनयू इस तरह के वेबिनार का प्लेटफॉर्म नहीं बन सकता. फिलहाइस मामले की छानबीन की जा रही है. कुल मिलाकर एक बार फिर जैसे-जैसे मौसम का पारा नीचे जा रहा है जेएनयू कैंपस में एक बार फिर प्रदर्शन और विवादों का पारा चढ़ता जा रहा है.


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