नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद जारी रहने के पीछे ऐसे लोगों का निहित स्वार्थ है जो कम वोट प्रतिशत से लाभान्वित होते हैं और वंशवादी शासन बनाये रखना चाहते हैं. जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के प्रस्ताव और जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनाव कब हो, इसका फैसला चुनाव आयोग करता है. हम 365 दिन और 24 घंटे चुनाव के लिये तैयार रहने वाली पार्टी हैं और हमेशा चुनाव के लिये तैयार रहते हैं.
उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे ऊपर चुनाव नहीं कराने के बारे में आरोप लगा रहे हैं, वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं लिया लेकिन कम वोट पड़ने की संभावना को देखते हुए बाद में लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया. सिंह ने कहा कि ऐसे लोगों एवं दलों को अब संविधान के अनुच्छेद 35ए को लेकर कश्मीर की जनता को जवाब देना होगा.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के बारे में हमसे ऐसे लोग सवाल पूछ रहे हैं जिन्होंने 50..60 वर्षों तक शासन किया. बीजेपी की हमारी सरकार तो 2014 में केंद्र में आई और राज्य में हम 2015 में सरकार में आए थे.
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर की समस्या नेहरू काल की श्रृंखलाबद्ध भूल के कारण उत्पन्न हुई. आजादी के बाद जैसे अन्य रियासतों से जुड़े विषयों से निपटा गया, उस तरह से जम्मू कश्मीर से निपटा गया होता, तब यह समस्या उत्पन्न नहीं होती.
जितेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य में आरक्षण की बात आई तो पूर्व की सरकार ने अपनी सुविधा के हिसाब से संविधान का उपयोग किया. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां विधानसभा की अवधि छह साल है. हम मांग करेंगे कि इसे भी वापस लिया जाए. सिंह ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद जारी रहने के पीछे ऐसे लोगों का निहित स्वार्थ है जो कम वोट प्रतिशत से लाभान्वित होते हैं और वंशवादी शासन बनाये रखना चाहते हैं.
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