नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने आज झारखंड की खूंटी जिला अंतर्गत कोरंगबूरु पहाड़ी के घने जंगलों की तलाशी के दौरान 100 मीटर विस्फोटक में यूज होने वाला तार और 15 किलोग्राम की 126 जिलेटिन छड़े बरामद की. एनआईए ने यह बरामदगी सीपीआई माओवादी के गिरफ्तार कैडर नैना उर्फ बिरसा बिरहोर उर्फ बिरसा मुंडा की निशानदेही पर की. एनआईए के मुताबिक, सीपीआई माओवादी इस विस्फोटक का प्रयोग सुरक्षा बलों के खिलाफ करने वाले थे और विस्फोटक को घने जंगलों में इसीलिए छुपाया गया था जिससे सुरक्षा बलों की नजर उस पर ना पड सके. माओवादी इस विस्फोटक के जरिए सुरक्षा बलों पर बड़ा प्रहार करने की तैयारी में थे.


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि यह मामला साल 2019 में सीपीआई माओवादी के लोगों द्वारा पुलिस पार्टी पर हमला करने से संबंधित है. यह हमला माओवादी आतंकियों ने 14 जून 2019 को लगभग शाम 4:30 बजे जिला सरायकिला में कुकरू घाट के पास किया था. इस दौरान 5 पुलिसकर्मी मारे गए थे और माओवादी आतंकवादियों ने उनके हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिए थे. इसके बाद स्थानीय थाना तिरूल्डीह में स्थानीय पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी और 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इन 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने दो आरोप पत्र भी कोर्ट के सामने दायर किए थे. बाद में यह मामला जांच के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए को सौंप दिया गया था एनआईए ने इस मामले में 9 दिसंबर 2020 को मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी.


एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक मामले की जांच के दौरान एक गुप्त सूचना के आधार पर 5 और आरोपियों को गिरफ्तार किया जो सीपीआई माओवादी के कथित आतंकी बताए जाते हैं. इस मामले में गिरफ्तार आरोपी नैना से पूछताछ के दौरान पता चला कि माओवादी आतंकियों ने बड़े पैमाने पर विस्फोटक खरीदा था और इस विस्फोटक को जिला खूंटी की कोरंगबूरू पहाड़ी के नजदीक घने जंगलों में छुपाया हुआ था. सूचना के आधार पर एनआईए अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और अर्ध सैनिक बल एसएसबी मदद से जंगल और पहाड़ी के आसपास कई घंटों तक तलाशी अभियान चलाया. इस तलाशी अभियान के दौरान 100 मीटर विस्फोटक में यूज होने वाला तार और 126 जिलेटिन की छड़ी जो लगभग 15 किलोग्राम की है बरामद की गईं.


एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक, यह दोनों विस्फोटक मिलकर एक खतरनाक बम या आईडी के तौर पर इस्तेमाल किए जा सकते हैं और इनके जरिए बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया जा सकता है. पूछताछ के दौरान पता चला कि माओवादी आतंकवादी इस विस्फोटक का प्रयोग सुरक्षा बलों के खिलाफ करने वाले थे और इसके लिए एक बड़ी साजिश की रूपरेखा भी तैयार की जा रही थी. अब एनआईए इस साजिश के कौन लोग कर्ताधर्ता थे और इस साजिश के तार कहां तक फैले हुए थे इसका पता लगाने में जुट गई है मामले की जांच जारी है.


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