Waqf Amendment Bill: केंद्र सरकार बुधवार (2 अप्रैल 2025) को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश करने जा रही है. उससे पहले बीजेपी ने एनडीए के भीतर सभी दलों के बीच बातचीत कर सहमति बना ली है. चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के बाद अब नीतीश कुमार की जेडीयू ने भी वक्फ संशोधन बिल पर केंद्र सरकार को समर्थन दिया है.
जेडीयू ने व्हिप जारी किया
संसद में वक्फ बिल पेश होने से पहले जेडीयू ने व्हिप जारी कर अपने सभी सासंदों को 4 अप्रैल तक संसदीय कार्यवाही में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं. बिहार की राजधानी पटना समेत कई जगहों पर वक्फ बिल का विरोध हो रहा है. जेडीयू नेता और पूर्व सांसद अहमद अशफाक करीम भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं. जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि वे नहीं चाहते कि यह बिल पिछली तारीख से लागू हो.
केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि वे सदन में ही वक्फ बिल पर अपना रुख बताएंगे. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. भारतीय जनता पार्टी ने भी व्हिप जारी कर 2 अप्रैल को सभी लोकसभा सांसदों को सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.
बिल पारित करने में केंद्र को मिलेगी बढ़त
बीजेपी ने अपने सांसदों को निर्देश दिया है कि वे सदन में उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष का समर्थन करें और विधायी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने में सहयोग दें. वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर विपक्षी दलों के बीच असहमति बनी हुई है, लेकिन टीडीपी के बाद जेडीयू के समर्थन से सरकार को इसे पारित कराने में महत्वपूर्ण बढ़त मिलेगी.
वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद इसमें राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र बना रहेगा. संपत्ति वक्फ की है या नहीं, यह तय करने के लिए राज्य सरकार कलेक्टर से ऊपर के रैंक के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है. मौजूदा मस्जिदों, दरगाहों या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों पर कोई छेड़छाड़ नहीं होगी. यह कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा.
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