जम्मू: कोरोना वायरस के चलते इस साल रद्द की गयी अमरनाथ यात्रा पर राजनीति शुरू हो गयी है. जम्मू में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर देश भर के शिव भक्तों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. शिवसेना जम्मू-कश्मीर ईकाई के नेताओं ने बुधवार को अमरनाथ यात्रा को रद्द करने के निर्देशों को लेकर प्रशासन पर श्रद्धालुओं को गुमराह करने और आस्था को ठेस पहुंचाने के साथ लाखों करोड़ों रूपयों को पानी में बहाने का आरोप लगाया.


प्रशासन के इस फैसले का विरोध करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मनीष साहनी ने कहा कि प्रशासन ने पहले 21 जुलाई को यात्रा शुरू होने का ढिंढोरा पीटा और बुधवार देर शाम यात्रा को रद्द करने के निर्देश जारी कर दिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन का यह फैसला उनके निर्णय लेने की कमजोरी और कन्फ्यूजन को साबित करता है.


साहनी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनता को कोरोना के निर्देशों का पालन करते हुए इसके साथ जीने की सलाह देते हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन भी बाजार, माल, रेस्तरां यहां तक कि पार्क समेत पर्यटक स्थलों तक को खोलने के निर्देश जारी कर चुका हैं. मगर धार्मिक यात्राओं को लेकर प्रशासन की सोच सकारात्मक नहीं बन पा रही.


मनीष साहनी ने कहा कि वह कोरोना संकट को भली-भांति समझते हैं और किसी तरह के जोखिम के पक्ष में नहीं हैं. मगर प्रशासन के आखिरी समय पर यात्रा रद्द करने के फैसले ने उन्हें निराश किया हैं. साहनी ने पवित्र श्री अमरनाथ गुफा से रोजाना लाइव आरती और दर्शन का स्वागत किया.