नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को आतंकवादी हमले में घायल हुए पुलिस इंस्पेक्टर अरशद अहमद खान की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रविवार को मौत हो गयी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उनकी मौत के साथ ही इस आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के पांच कर्मियों सहित छह लोग शहीद हो गए.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शोक व्यक्त किया और कहा कि खान की मौत पुलिस विभाग के लिए एक बड़ा नुकसान है. उन्होंने कहा, ''हम सभी ऐसे बहादुरों के आभारी हैं जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान देते हैं.''
खान (37) को विशेष उपचार के लिए एअर एंबुलेंस में रविवार को दोपहर बाद दिल्ली लाया गया था'. अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती कराने के फौरन बाद उनकी स्थिति और बिगड़ने लगी. एम्स के डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का भरसक प्रयास किया लेकिन वे विफल रहे.
इससे पहले उनका इलाज श्रीनगर में सेना के 92 बेस हॉस्पिटल में चल रहा था. पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपना एक बेहतरीन अधिकारी खो दिया. सिंह ने कहा, ''हमने उन्हें बचाने के लिए हरसंभव कोशिश की लेकिन दुर्भाग्य से हमने उन्हें खो दिया'. यह जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए एक दुखद दिन है जिसने सीमा पार से होने वाली हिंसा में अपना एक और बेटा खो दिया है.”
पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) स्वयम प्रकाश पाणि ने अपनी संवेदनाएं जाहिर कीं और कहा, “वह सच्चे बहादुर थे और मिलनसार थाना प्रभारी थे. चरमपंथ विरोधी अभियानों में उनकी विशेषज्ञता बेजोड़ थी.” पाणि ने कहा, “मुझे उम्मीद थी कि वह अपने जीवन की जंग जीत जाएंगे लेकिन दुर्भाग्य से आज हमने उन्हें खो दिया.”
खान के परिवार में उनकी पत्नी और दो पुत्र हैं। बेटों की उम्र एक साल और चार साल है. इस आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. हमले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने सीआरपीएफ के गश्ती दल को निशाना बनाया था.
अनंतनाग के सदर पुलिस थाने के प्रभारी खान मुठभेड़ शुरू होते ही मौके पर पहुंचे थे. अधिकारियों ने बताया कि वह जैसे ही अपनी सर्विस राइफल के साथ बुलेटप्रूफ वाहन से बाहर आए, आतंकवादियों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि घायल होने के बाद भी वह आतंकवादी पर गोली बरसाते रहे.
हमले के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी तत्परता एवं निडर प्रतिक्रिया की प्रशंसा की थी. अपनी पेशेवर प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध खान की लोकप्रियता इस बात से समझी जा सकती है कि उनकी तैनाती वाले इलाके के करीब 70 स्थानीय निवासी उनकी सेहत के बारे में जानने के लिए वहां इकठ्ठा हुए थे. मध्य कश्मीर के चदूरा में जहां वह पूर्व में थाना प्रभारी के तौर पर तैनात थे, लोगों ने उनकी कुशलता के लिए प्रार्थनाएं की और बकरों की बलि दी.
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