कठुआ: कोरोना वायरस की तीसरी संभावित लहर से बचने के लिए जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने प्रदेश में आने वाले हर श्रद्धालु और यात्री की 100 प्रतिशत टेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है और जम्मू पंजाब बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया है.


करोना वायरस की तीसर संभावित लहर से निपटने के लिए जम्मू प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. करोना वायरस की इस लहर से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर असर ना पड़े और करोना को प्रदेश में फैलने से रोका जाए इसके लिए प्रशासन ने व्यापक मुहिम छेड़ रखी है. जम्मू प्रशासन ने प्रदेश में आने वाले हर श्रद्धालु और यात्री की कोरोना टेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है.


कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर देने के लिए टीमें बनाई गई


यह टेस्टिंग जम्मू एयरपोर्ट के साथ-साथ जम्मू रेलवे स्टेशन और जम्मू पंजाब बॉर्डर पर की जा रही है ताकि हर शख्स को प्रदेश में आने से रोक दिया जाए जो कोरोना से संक्रमित हैं. इसके साथ ही जम्मू प्रशासन ने कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान और उनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर देने के लिए टीमें बनाई गई है. जिन इलाकों से करोना के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं उन इलाकों को कंटेनमेंट जोन भी बनाया जा रहा है.


सरकार की इस मुहिम का आम जनता भी खूब समर्थन कर रही


दरअसल जम्मू कश्मीर पिछले 2 साल से करोना महामारी के चलते अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर काफी पिछड़ गया है जिसके बाद अब सरकार त्योहारों के इस मौसम में यात्रियों और श्रद्धालुओं को प्रदेश में आने पर किसी तरह की रोक नहीं लगाना चाहती, जिसके लिए करो ना टेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है. वहीं, सरकार की इस मुहिम का आम जनता भी खूब समर्थन कर रही है. सरकार द्वारा कोरोना से बचने के उपाय का असर यह हुआ है कि अब जम्मू आने वाले श्रद्धालु और यात्री भी खुद से अपनी टेस्टिंग करवा रहे हैं.


आलम यह है कि जम्मू से बाहर जाने वाले लोग भी टेस्टिंग करवा रहे हैं ताकि वह खुद के साथ-साथ अपने साथ सफर कर रहे लोगों को इस संक्रमण से दूर रखें.


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