Jammu Kashmir News: देश के पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मीर के जम्मू में सफल बंद के बाद शनिवार (26 अगस्त) को जीवन अस्त-व्यस्त रहा. उपराज्यपाल (एलजी) प्रशासन ने रविवार (27 अगस्त) को सुबह कठुआ की सेंट्रल जेल से राजपूत सभा के 26 नेताओं को रिहा कर दिया. इस बात की जानकारी पुलिस अधिकारी ने दी.


क्षेत्र में प्री-पेड स्मार्ट मीटर, सरोर टोल प्लाजा, संपत्ति कर और सभा नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ कठुआ, सांबा, जम्मू, उधमपुर और रियासी जिले में पूरी तरह से बंद रहा. ये सभी इलाके हिंदू आबादी वाले इलाके हैं और यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पकड़ है.


क्या कहा पुलिस अधिकार ने?


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कठुआ के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “सांबा जिले के पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने सुबह करीब 4 बजे कठुआ जिले की सेंट्रल जेल का दौरा किया था. ये अधिकारी राजपूत सभा के 26 नेताओं को अपने साथ ले गए.” उन्होंने आगे कहा, “चूंकि उन्हें सांबा पुलिस ने सोमवार रात को गिरफ्तार किया था, इसलिए हमें उन्हें सौंपना पड़ा. सांबा पुलिस ने सुबह करीब साढ़े पांच बजे इन लोगों को घरों में अलग-अलग करके भेज दिया.”


टोल प्लाजा से किया था गिरफ्तार


राजपूत सभा के अध्यक्ष विक्रम सिंह और इसके पूर्व अध्यक्ष हैप्पी सिंह समेत 26 नेताओं को सरोर टोल प्लाजा से गिरफ्तार कर लिया गया था. इस जगह पर वो शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और टोल, प्री-पेड स्मार्ट मीटर और प्रॉपर्टी टैक्स को वापस लेने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे.


हालांकि, गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ एफआईआर अभी तक रद्द नहीं की गई है. उन पर शांति भंग करने का मामला दर्ज किया गया. अधिकारियों ने सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी थी. इस बीच, सांबा शहर में युवा राजपूत सभा के लगभग एक दर्जन कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों की भूख हड़ताल जारी रही.


भूख हड़ताल पर बैठे नेताओं में से एक लकी सिंह ने कहा, “प्रशासन ने अभी-अभी हमारे नेताओं को रिहा किया है. मांगें अभी मानी जानी बाकी हैं. हम अभी सिर्फ सीढ़ी के पहले पायदान पर हैं. पिछले 100 घंटों से हम भूख हड़ताल पर हैं और हम जम्मू के लिए पीछे नहीं हटेंगे. आगे एक लंबी लड़ाई है.”


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