जम्मूः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने खर्च के मामले में राज्य की वित्त संहिता का उल्लंघन करते हुए वित्त वर्ष 2015-16 में 29 अनुदानों में 23,234 करोड़ रुपये यानी 42 प्रतिशत से अधिक की राशि चौथी तिमाही यानी आखिरी के तीन महीनों में खर्च की. इन अनुदानों पर उसे कुल 54,660 करोड़ रुपये खर्च करने थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आखिरी महीनों में बजट खर्च करने के मामले में लद्दाख मामलों का विभाग सबसे अलग दिखा. इसने वित्त वर्ष 2015-16 की अंतिम तिमाही में अनुदानों की कुल राशि का 97% राशि खर्च आखिरी तीन महीनों में किया.

वहीं राजस्व और परिवहन विभाग ने खर्च की जाने वाली राशि का 67 और 64% खर्च अंतिम तिमाही में किया. जम्मू-कश्मीर वित्त संहिता के अनुसार वित्त वर्ष के अंतिम महीने में भारी मात्रा में व्यय करने से बचा जाना चाहिए.