Jammu And Kashmir Terrorists Killed: भारतीय सेना ने एक बार फिर सीमा पर घुसपैठ (Infiltration) की कोशिश को नाकाम कर दिया. एलओसी के नौशेरा सेक्टर (Naushera Sector) में भारतीय सेना (Indian Army) ने आतंकियों की एक बड़ी घुसपैठ को नाकाम करते हुए पाकिस्तान से आए दो आतंकियों को ढेर कर दिया. पिछले दो दिनों में घुसपैठ की ये दूसरी बड़ी कोशिश है, जिसे सेना ने नाकाम किया है. रविवार को भारत में आत्मघाती हमला करने आए एक आतंकी को सेना ने एलओसी पर हुई मुठभेड़ के बाद धर-दबोचा था.


भारतीय सेना के जम्मू स्थित प्रवक्ता कर्नल देवेंद्र आनंद के मुताबिक 22-23 अगस्त की दरमियानी रात नौशेरा सेक्टर में एलओसी (LoC) के करीब आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी. एलओसी पर तैनात अलर्ट भारतीय सैनिकों ने इस घुसपैठ को नाकाम कर दिया. 


नौशेरा सेक्टर में दो आतंकी ढेर


भारतीय सैनिकों की घुसपैठियों के साथ मुठभेड़ भी हुई थी. सुबह एलओसी के जनरल एरिया में क्वाडकॉप्टर (ड्रोन) से सघन सर्च ऑपरेशन छेड़ा गया. इस दौरान दो आतंकियों के शव एलओसी के करीब पड़े मिले. दोपहर तक ड्रोन के जरिए पूरी इलाके में सेना द्वारा सघन तलाशी अभियान जारी था. रविवार को भी नौशेरा सेक्टर में हुई एक मुठभेड़ में पाकिस्तानी आतंकी तबरक हुसैन घायल हो गया था. खास बात ये है कि तबरक हुसैन दूसरी बार भारत में धर-दबोचा गया था. इससे पहले 2016 में भी उसे गिरफ्तार किया गया था और 26 महीने की जेल काटने के बाद पाकिस्तानी सरकार को सौंप दिया गया था.


सेना ने आतंकी तबरक हुसैन को दबोचा


रविवार को जब भारतीय सेना ने तबरक हुसैन को नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ करते हुए धर-दबोचा तो वो जोर-जोर से चिल्लाने लगा कि वो यहां मरने के लिए आया था. भारतीय सेना की गोली लगने से तबरक घायल हो गया था. पकड़े जाने के वक्त वो ड्रग्स की डोज़ भी लिए हुए था. सूत्रों के मुताबिक, जांच में पाया गया कि उसने हाल ही में अपने शरीर के सीने, बगल और प्राइवेट पार्ट्स के बाल शेव करवाए थे. ऐसा इस्लामिक जेहादी आत्मघाती हमले से पहले करता है.  


कौन है आतंकी तबरक हुसैन?


जानकारी के मुताबिक, तबरक हुसैन की उम्र करीब 26 साल है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के कोटली इलाका का रहने वाला है, जो लाइन ऑफ कंट्रोल यानि एलओसी (Loc) से सटा इलाका है. अप्रैल 2016 में भी तबरक हुसैन ने अपने दो साथियों के साथ नौशेरा सेक्टर से ही घुसपैठ करने की कोशिश की थी. उस वक्त तबरक और उसका साथी हारून अली (निवासी, कोटली, पीओके) गिरफ्तार कर लिए गए थे. लेकिन उनका तीसरा साथी पीओके वापस भागने में कामयाब हो गया था. तबरक का भाई, मोहम्मद सईद भी दिसम्बर 2021 में नौशेरा सेक्टर में घुसपैठ के दौरान गिरफ्तार किया गया था. 


ISI के लिए काम करता था तबरक


गिरफ्तार होने के बाद पता चला तबरक हुसैन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई के लिए काम करता था और पाकिस्तानी सेना की इंटेलीजेंस यूनिट में दो साल काम कर चुका था. उसनें आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के भिंबर कैंप में छह महीने के लिए गाइड बनने की ट्रेनिंग भी ली थी. दरअसल, आईएसआई और लश्कर ए तैयबा एलओसी से सटे पीओके के इलाकों में रहने वाले युवकों को आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए गाइड बनाने की ट्रैनिंग देते हैं. इसके अलावा तबरक को भारतीय सेना की संवदेनशील जानकारी इकठ्ठा करने और पकड़े जाने पर मनगढंत कहानी बनाने में भी ट्रेन्ड किया गया था. 


आतंकी तबरक हुसैन (Tabarak Hussain) और उसके साथी हरून अली को 26 महीने भारत की जेल में काटने के बाद पिछले साल अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तानी सरकार (Pakistani Govt) को सौंप दिया गया था, लेकिन रविवार को एक बार फिर वो सुसाइड-मिशन के लिए भारत में घुसपैठ करने के लिए नौशेरा सेक्टर पहुंच गया. इस बार वो भारतीय सेना (Indian Army) की गोली से घायल भी हो गया. गोली लगने के बाद वो चिल्लाने लगा कि मैं यहां मरने के लिए आया था, मुझे धोखा दे दिया, भाईजान मुझे यहां से निकाल लो.


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