Prophet Muhammad Row:  नुपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर देश के कई हिस्सों में बवाल हो गया. शुक्रवार यानी 10 जून को पश्चिम बंगाल के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले, जिनमें पश्चिम बंगाल का हावड़ा भी शामिल है. ABP न्यूज ने जगह जगह हो रही हिसा पर जमात ए इस्लाम ए हिंद के अध्यक्ष अब्दुल रफीक साहब ने बातचीत की है. उनसे पूछा गया है कि राज्य में जगह जगह हो रहे प्रदर्शन को आप कैसे देखते हैं और उसके लिए आगे क्या रास्ता नजर आता है. 


इस सवाल के जवाब में अब्दुल रफीक ने कहा, 'देखिए यह जो प्रदर्शन हो रहा है यह लोगों का दस्तूरी हक है, और यह उन लोगों को मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो नकारात्मक बातें हो रही हैं या चर्चे हो रहे हैं यह सब बंद होनी चाहिए क्योंकि इससे लोगों के दरमियान जो भाईचारा का माहौल है वह खराब हो रहा है. हुकूमत को इस मामले पर कदम उठाने चाहिए और जो भी इस तरह की बातें कर रहे हैं उन्हें कानून की नजर में पेश करना चाहिए और लोगों के भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए.


सावल- जब आप हुकूमत की बात कर रहे हैं तो जिम्मेदारी केंद्र की होगी या राज्य की?


जवाब- देखिए जिम्मेदारी केंद्र की भी है और राज्य की भी, राष्ट्र के मुताबिक देखें तो अगर कहीं भी शांति भंग होती है तो केंद्र को खुद से इसे अलग नहीं करना चाहिए. राज्य को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए. किसी आदमी को इतनी छूट नहीं होनी चाहिए कि वह कोई भी बात कहें और लोग सुनते चले जाएं और हालात बिगड़ते जाएं. और हाल ही में जो व्याख्या हुई है नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयान से सिर्फ हमारे देश की बर्बादी नहीं हुई है बल्कि अंतरराष्ट्रीय वर्ग पर भी हमारी छवि खराब हुई है.


सवाल- यहां पर 2 सवाल उठते हैं पहला यह कि जो कहा गया वह गलत था मगर जो उसके बाद हुआ क्या आप उसको अपना समर्थन देते हैं, जिस तरह से तोड़फोड़ हुई विरोध प्रदर्शन हुआ बंगाल में ही 10 घंटे के लिए राष्ट्र मार्ग को बंद किया गया, उसको कैसे देखते हैं?


जवाब- जो तोड़फोड़ हो रहा है वह बिल्कुल सही नहीं है ऐसा नहीं होना चाहिए, आपको हक है सिर्फ अपना आवाज बुलंद रखने का, अपनी बात रखने का मगर कानून के दायरे में रहकर. आप आंदोलन करें जरूर करें मगर कानून ना तोड़े और अगर आप के आंदोलन से पूरी आवाम को मुश्किलात का सामना करना पड़े तो ऐसे आंदोलन का कोई फायदा नहीं है. उन्होंने आग कहा कि अगर आप आवाम का साथ चाहते हैं तो आपको आवाम की परेशानियों को देखना पड़ेगा तभी आवाम भी आपका साथ देगी. इसलिए मैं यह सलाह देना चाहूंगा कि जो लोग आंदोलन कर रहे हैं या विरोध कर रहे हैं वह कानून के दायरे में रहकर करें और इंसानियत की राह पर चलते हुए करे. वहीं सवाल उठता है कि लोग आंदोलन कर क्यों रहे हैं तो लोग आंदोलन इसलिए कह रहे हैं कि कोई एक व्यक्ति कुछ खराब बातें बोलता है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होती है.


सवाल- तोहास सिद्धकी साहब ने हाल ही में शिवलिंग पर टिप्पणी की थी, उसे आप कैसे देखते हैं?


जवाब-  अगर दोहा सिद्दीकी साहब ने शिवलिंग को लेकर कोई टिप्पणी की है तो वह गलत है. उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था. जिस तरह से इस्लाम के मानने वालों की अपनी भावना है वैसे ही हिंदुओं की भी अपनी भावना है, और कुरान भी इस बात के खिलाफ है कि आप किसी के भावनाओं का एहतराम करे नाकी उसकी तालीम न करे. अगर आप उनकी भावनाओं का है सलाम करेंगे तो वो आपकी भावनाओं का भी एहतराम करेंगे, किसी भी हालात में किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए.


सवाल- उत्तर प्रदेश में लोगों के घरों पर बुलडोजर चल रहे हैं, इसे आप कैसे देखते है?


जवाब- यह तो कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है, योगी सरकार हो या पुलिस अफसर यह सब कानून के दायरे के बाहर जाकर काम कर रहे हैं. आप इस बात को साबित करिए कि वह घर अवैध है फिर वैसा करें तो ठीक है मगर कानून के दायरे से हटकर किसी के घर को तोड़ेंगे यह तो वहां की अदालत पर बहुत बड़ा तमाचा है. 


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