Acharya Vidyasagar Ji Maharaj Samadhi: वर्धमान कहे जाने वाले संत आचार्य विद्यासागर महाराज के देह त्यागने के बाद से जैन समाज गम में है. संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि लेते हुए 3 दिन के उपवास के बाद शनिवार देर रात करीब 2:35 बजे देह त्यागा. छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में शरीर त्यागने से पहले उन्होंने अखंड मौन धारण कर लिया था.
विद्यासागर जी महाराज के देह त्यागने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे. वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा. पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी. तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था. समाज के लिए उनका अप्रतिम योगदान देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा.”
VHP ने भी जताया दुख
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी आचार्य विद्यासागर जी महाराज के देह त्यागने पर दुख जाताया है. वीएचपी ने एक्स पर लिखा, “आध्यात्मिक जगत के धूमकेतु आचार्य विद्यासागर जी महाराज के देवलोक गामी होने से विश्व हिंदू परिषद बेहद दुखी है. उस महान योगी को सच्ची श्रद्धांजलि उनके अमर संदेशों का अनुसरण करके ही दी जा सकती है.”
छत्तीसगढ़ के सीएम ने भी किया याद
छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने भी एक्स पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, “विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ. छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा. आध्यात्मिक चेतना के पुंज आचार्य श्री विद्यासागर जी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन.”
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