वहीं, जांच एजेंसी अंसार के दिए हर बयान पर गंभीरता से पड़ताल कर रही है और माना जा रहा है कि एक राजनीतिक पार्टी का भी नाम सामने आ सकता है. सूत्रों के मुताबिक, अंसार और उसके साथियों ने रामनवमी के पहले से ही हथियार डंडे लाठी इकट्ठे किए हुए थे.
अंसार को फंसाया गया- मुस्लिम पक्ष
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वो तो झगड़ा रोक रहा था. कुछ लोगों की उससे बहस हुई होगी तो उसने अंसार का ही नाम ले लिया होगा. वो तो बचाने की सजा भुगत रहा है. वो खुद ही थाने गया था. वो विक्टिम है. कुछ लोगों की साजिश से उसे ही मुख्य आरोपी बना दिया गया. वो तो गरीबों की मदद करने वाला आदमी है.
अंसार मासूम नहीं- हिंदू पक्ष
वहीं एबीपी के कैमरे में दोनों पक्षों का दावा रिकॉर्ड किया गया. हिंदू पक्ष का कहना है कि मोहम्मद अंसार मासूम नहीं है और वो ही इस हिंसा के लिए जिम्मेदार है. हिंदू पक्ष के चश्मदीदों ने बताया कि वो दो नंबर का काम करता है. सट्टा और वसूली का उसका धंधा है. हमारे पास एक भी अंगूठी नहीं है और अंसार के पास मोटे-मोटे चेन और अंगूठी है. रिपोर्टर ने जब ये सवाल किया कि वो इतना अमीर कैसे हो गया तो कुछ लोगों ने कहा कि वो लोगों को डराकर पैसे लेता है. हर जगह से कमीशन लेता है. ठेके से भी वसूली करता है. लोगों की मदद के पीछे उसका स्वार्थ है. उसकी राजनीतिक महात्वाकांक्षा भी है.
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