Justice Yashwant Varma: जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले पर संसद में हंगामे के आसार! राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुलाई पहले ही बड़ी बैठक
Justice Yashwant Varma: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग बुझाने के दौरान बड़ी मात्रा में नगदी मिली थी. इस पर चर्चा को लेकर राज्यसभा के सभापति ने एक अहम बैठक बुलाई है.

Justice Yashwant Varma: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले से मिले नोटों के अधजले ढेर का मुद्दा संसद में बीते शुक्रवार को उठा था. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस पर चर्चा की मांग की थी. आज भी इस मामले पर हंगामे के आसार हैं. इस बीच उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस स्थिति से निपटने की तैयारी पहले ही कर ली है. संसद की कार्यवाही बिना बाधा के चलती रहे, इसलिए सभापति ने पहले ही जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में चर्चा होने का संकेत दे दिया है. उन्होंने इसके लिए सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता के साथ बैठक बुलाई है.
जगदीप धनखड़ ने आज (सोमवार) सुबह 11:30 बजे एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इसमें सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शामिल होंगे. बैठक में दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों पर राज्यसभा में चर्चा कराने को लेकर बातचीत होगी. बैठक में नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट कमिशन (NJAC) पर भी बात हो सकती है. जगदीप धनखड़ के एक बयान से ऐसा संकेत मिला है.
NJAC पर भी चर्चा संभव
दरअसल, NJAC का बिल संसद से पारित हुआ था. देश की आधी विधानसभाओं ने भी इस बिल को मंजूरी दी थी. राष्ट्रपति ने भी इस पर हस्ताक्षर कर दिए थे लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. जगदीप धनखड़ के मुताबिक, अगर यह कानून बन जाता तो वर्तमान में जजों की नियुक्ति इसी कानून के हिसाब से होती, ऐसे में जस्टिस यशवंत वर्मा के घर मिले नोटों के ढेर जैसा कांड नहीं होता.
क्या है जस्टिस यशवंत वर्मा केस?
जस्टिस वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले में 14 मार्च को आग लग गई थी. वह तब शहर में नहीं थे. उनके पर्सनल सेक्रेटरी ने इस आग की सूचना PCR को दी थी. इसके बाद दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया था. हालांकि इस दौरान पुलिस जवानों को बंगले के एक कमरे में नोटों का ढेर दिखा था, जिसकी सूचना पुलिस के बड़े अधिकारियों को दी गई थी. इसके बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने यह सूचना दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को दी और फिर यह मामला देश के मुख्य न्यायधीश तक पहुंचा था.
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अपने स्तर पर जांच कर रहा है. कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने का फैसला किया है. उनकी कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही है. उन्हें फोन तोड़ने या चैट डिलीट न करने का निर्देश दिया गया है.
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